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नौ सपने, भाग-4 (अमृता प्रीतम)

3 नवम्बर 2021

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मेरे और मेरी कोख तक –

यह सपनों का फ़ासला।

मेरा जिया हुलसा और हिया डरा,

बैसाख में कटने वाला

यह कैसा कनक था

छाज में फटकने को डाला

तो छाज तारों से भर गया ।।

शब्द mic
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रचनाएँ
अमृता प्रीतम के नौ सपनों का संग्रह
0.0
मशहूर लेखिका अमृता प्रीतम ने दिलों को छू जाने वाली शायरियां, कविताएं और कहानियां लिखी थीं. इन सभी संग्रहों को आज भी लोग पसंद करते हैं. अमृता प्रीतम के संग्रह में आपको उनकी दो कलेक्शन मिलेंगे जिसमें उनके नौ सपने हैं, यह संग्रह आपको बहुत कुछ सिखा सकता है.
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