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नीली छतरी वाला

3 नवम्बर 2023

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सच तो जीवन में नीली छतरी वाला है आओ आज हम नीली  छतरी वाला उसे ईश्वर भी कहते हैं और हम सभी बचपन से जवानी और बुढ़ापे में उसे नीली छतरी वाले को ही याद करते हैं क्या सच है कि छतरी वाला है। इस विषय के लिए तो हमें एक कहानी पढ़नी होगी और कहानी को हम पढ़कर अपनी राय भी लिखेंगे तो आओ चलते हैं कहानी की ओर.......

                          रात का समय था रंजन अपने परिवार वालों के साथ बैठा हुआ था रंजन के परिवार में दादी दादाजी और बुआ ताई ताऊ जी और गांव का माहौल आसपास के लोग भी बैठे हुए आपस में बातें बतिया रहे थे तभी रंजन अपने दादाजी से पूछता है दादाजी दादाजी यह नीली छतरी वाला कौन होता है अरे रंजन दादा जी कहते हैं यह तुमसे किसने कहा नीली छतरी वाला दादाजी आज हम स्कूल में जब सुबह गए थे तब हम जिस बस में जा रहे थे उसे बस में कंडक्टर काका और ड्राइवर काका दोनों बात कर रहे थे की बहुत अच्छा होता है नीली छतरी वाला उसकी कृपा से हम सब जीवन जीते हैं ऐसा नीली छतरी वाला कौन है दादाजी सच रंजन तुमने सही सुना और तुम्हारे बस के कंडक्टर और ड्राइवर भी अच्छे इंसान हैं जो नीली छतरी वाले का विश्वास करते हैं।

          रंजन की उत्सुकता बढ़ गई और रंजन दादा जी से बताओ ना दादाजी यह नीली छतरी वाला कौन है हां हां सबको बताता हूं। चलो सब अब रात बहुत हो चुकी है खाना खाते हैं खाना खाने के बाद सभी दादा जी को घेर कर बैठ गए और दादाजी कहते हैं सुनो सभी कि नीली छतरी वाला तो हमारा ऊंचा आसमान है जिसे हम आकाश भी कहते हैं और हम सब इसी आकाश धरती और जल वायु के साथ-साथ अग्नि तत्वों के कारण हमारा शरीर बना है और इस बने शरीर को हम इंसान कहते हैं और इस शरीर में हमारा एक दिमाग और मन भी काम करता है वैसे तो ईश्वर ने इंसान को केवल ईश्वर का भजन करने के लिए संसार में भेजा था परंतु इंसान अपने दिमाग से मोह माया और लालच आकर्षण फरेब में पढ़ता चला गया और हम इसी कारण एक दूसरे के बिना या एक दूसरे से ईर्ष्या द्वेष केवल मोह माया एक-दूसरे से रखते हैं ।  रंजन दादाजी यह ईर्ष्या द्वेष क्या होती है। दादाजी हंसते और कहते हैं अभी तुम अपनी नीली छतरी वाले की कहानी सुनो और नीली छतरी वाले को ही सोचो मेरी छतरी वाले का नाम भगवान है और भगवान तुम सुबह जानते हो तुम्हारे पापा मम्मी सुबह-सुबह आरती करते हैं ना ओम जय जगदीश हरे यही नीली छतरी वाला कहलाता है।

                     रंजन भोली सी सूरत बनाकर दादा जी से कहता है दादाजी तो हम उनके घर भी जा सकते हैं। दादाजी चेहरे पर थोड़े से चिंता के भाव बनाकर कहते हैं। हां रंजन सत्य तो यही है कि हम सभी को एक न एक दिन नीली छतरी वाले के घर जाना पड़ता है और फिर वहां से नया जन्म लेकर दोबारा पृथ्वी पर आना पड़ता है यही एक जीवन चक्र चलता रहता है रंजन कहता है दादाजी दादाजी जो पड़ोस वाले दादा जी थे  नीली  छतरी वाले के घर चले गए दादाजी हां रंजन बेटा सच कहा तुमने तो दादाजी नीली छतरी वाला हम सभी को अपने घर बुलाता है हां बेटा रंजन समय के साथ-साथ हम सभी उसके पास जाते हैं अभी तुम छोटे हो और जो रात बहुत हो गई है और अब तुम जाकर अपने कमरे में सो जाओ और जय नीली छतरी वाले की ऐसा कहते हुए  दादा जी भी सोने अपने कमरे में चले जाते हैं।

             नीली छतरी वाली कहानी आज के बच्चों को भी हमें समझानी चाहिए। क्योंकि हम सभी आसमान को नीली छतरी वाला भगवान भी कहते हैं और जो आज के आधुनिक युग में शायद बहुत कम लोगों को समझ है क्योंकि आज बहुत से लोगों को पांच तत्व का ज्ञान भी नहीं है जिससे हमारा समाज यह हमारे युवा नई पीढ़ी नीली छतरी वाले को नहीं पहचानती है आज नीली छतरी वाली कहानी इसलिए भी लिख रहे हैं कि जीवन के सच को हम पहचान सके और अपने कर्म के अनुसार जीवन को सफल बना सके और नीली छतरी वाले का गुणगान भी कर सके जय हो नीली छतरी वाले तेरी महिमा निराली है।


नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत प्रशंसनीय भाग लगा 💯💯💯💯💯✍️✍️✍️✍️👍👍👍👍👍👍

7 नवम्बर 2023

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रचनाएँ
नीली छतरी वाला
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सच तो जीवन में नीली छतरी वाला है आओ आज हम नीली  छतरी वाला उसे ईश्वर भी कहते हैं और हम सभी बचपन से जवानी और बुढ़ापे में उसे नीली छतरी वाले को ही याद करते हैं क्या सच है कि छतरी वाला है। इस विषय के लिए तो हमें एक कहानी पढ़नी होगी और कहानी को हम पढ़कर अपनी राय भी लिखेंगे तो आओ चलते हैं कहानी की ओर.......

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