पटना: बिहार में जिस लालू यादव से हाथ मिलाकर नीतीश कुमार ने महागठबंधन की सरकार बनाई अब उसी महागठबंधन से बहुत जल्द नीतीश को किनारे लगाने का प्लान लालू यादव ने बना लिया है. जिसकी तैयारी शुरु हो चुकी है. शहाबुद्दीन के जेल से निकलने के साथ ही लालू यादव की सियासी ताकत दोगुनी हो चुकी है. खबरों की माने तो लालू यादव बहुत जल्द ही नीतीश कुमार को महागठबंधन से किनारे लगा सकते हैं. इस काम के लिए लालू यादव ने अपनी पार्टी के तीन लोगों की तिकड़ी बनाई है जिसपर नीतीश के खिलाफ माहौल बनाने की जिम्मेदारी है. एक बार माहौल बनते ही लालू यादव अपना सियासी गणित बिठाते हुए सत्ता की पूरी चाभी अपने हाथों में ले लेंगे. जिन तिन लोगों को लालू यादव ने इस काम में लगाया है उनमें से दो आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह और आरजेडी सांसद तसलिमुद्दीन तो सरकार बनने के बाद से लगातार नीतीश के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. अब शहाबुद्दीन के जेल से निकलते ही इस लड़ाई को अंजाम देने का मन लालू यादव ने बना लिया है.
शहाबुद्दीन
पिछले 11 सालों से जेल में बंद पड़े लालू का खास शागिर्द शहाबुद्दीन जब जेल से बाहर निकले तो निकले साथ ही उन्होंने नीतीश को परिस्थितियों का सीएम बता कर अपना इरादा जाहिर कर दिया. सूत्रों की माने तो लालू यादव अगर नीतीश को किनारे लगाते हैं तो लालू की पार्टी को प्रयाप्त संख्यांबल जुटाने में शहाबुद्दीन का अहम रोल होगा.
रघुवंश प्रसाद सिंह
आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश बाबू ने महागठबंधन बनने के बाद से ही नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरु कर दिया था. हलांकि शुरुआत में लोगों ने उनकी बातों पर ज्यादा घ्यान तो नहीं दिया लेकिन अब जब पिछले दिनों रघुवंश प्रसाद सिंह ने बिहार में शराबबंदी को लेकर लाए गए कड़े कानून की आलोचना की. उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल लोगों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. तो हंगामा मच गया. शहाबुद्दीन के जेल से निकलते ही रघुवंश बाबू ने भी नीतीश को अपना नेता मानने से इंकार कर दिया है.
सासंद तस्लीमुद्दीन
पांच बार सांसद रहे तथा वर्तमान में अररिया लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे तस्लीमुद्दीन ने भी नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. तस्लीमुद्दीन ने कई बार मीडिया के सामने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 'करतब' दिखाकर जनता को धोखा दे रहे हैं. राज्य में हर तरफ लूट का माहौल है और सरकारी विभाग पर कोई नियंत्रण नहीं है.