नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद आए गुजरात के स्थानीय निकाय उपचुनाव परिणाम ने भाजपा को फीलगुड कराया है। पार्टी ने बंपर जीत हासिल करते हुए 125 में से कुल 109 सीटें जीतने में सफलता हासिल की है। एक प्रकार से देखें तो कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। ये सीटें जिला पंचायत, तहसील पंचायत और नगरपालिका के उपचुनाव की रहीं। जीत के बाद भाजपा का उत्साह बढ़ा है। पार्टी ने इसे नोटबंदी का जनसमर्थन करार दिया है। कहा जा रहा है कि इस जनादेश से विपक्ष निराश है। क्योंकि कांग्रेस की अगुवाई में समूचा विपक्ष नोटबंदी को लेकर लगातार केंद्र
सरकार पर हमलावर है।
कांग्रेस की 52 से घटकर हो गईं 16 सीटें
गुजरात के स्थानीय निकाय में पहले कुल 52 सीटें थीं, जो घटकर अब 16 के करीब रह गई हैं। वहीं भाजपा की सीटें इससे पहले 64 थीं, जो अब बढ़कर 109 हो गई हैं। गुजरात में स्थानीय निकाय में कुल 125 सीटे हैं। भाजपा ने सूरत में कुल 28 में से 27 सीटें जीत लीं। जबकि कांग्रेस को सिर्फ एक सीट ही नसीब हो सकी। वापी में कुल 44 में से 41 सीटों पर भाजपा ने विजय का झंडा गाड़ा है।
उपचुनाव में भी भाजपा बचा चुकी है प्रतिष्ठा
नोटबंदी के बाद हुए लोकसभा और विधानसभा के उपचुनाव में भी भाजपा अपनी प्रतिष्ठा बचाने में सफल रही। मध्य प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा की दोनों सीटें भाजपा ने जीतीं थीं। जिसके बाद पार्टी ने कहा था कि इससे पता चलता है कि नोटबंदी के फैसले के साथ आम आदमी खड़ा है।