नई दिल्ली : नए साल की शरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने राष्ट्र के नाम सन्देश दिया। अपने सन्देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीब, मध्यम वर्ग, किसानों और छोटे व्यापार ियों के लिए कई रियायतों की घोषणा भी की। पहले ही कहा जा रहा था कि नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री कुछ अहम घोषणाएं कर सकते हैं। जिस तरह पीएम मोदी ने इन चार वर्गों का अपने सन्देश में ख़ास ध्यान रखा उससे यह साफ़ हो गया है कि साल 2017 में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह एक मास्टर स्ट्रोक है। किसानों के लिए प्रधानमंत्री ने कहा कि नौ लाख रुपये तक के होम लोन पर ब्याज दर में चार प्रतिशत छूट दी जाएगी जबकि 12 लाख रुपये तक के लोन पर छूट का यह आंकड़ा तीन फीसदी होगा। वहीँ पीएम ने छोटे कारोबारियों के लिए क्रेडिट गारंटी एक करोड़ से बढ़ा कर दो करोड़ रुपये करने का ऐलान किया।
उन्होंने यह भी कहा कि बैंक छोटे उद्योगों के लिए कैश क्रेडिट लिमिट को 20 से बढ़ाकर 25 फीसदी करें। किसानों के लिए पीएम ने कहा कि अगले तीन महीनों के दौरान तीन करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड को रूपे कार्ड में बदला जाएगा जिससे किसान बैंक न जाकर कहीं पर भी खरीद-बिक्री कर सकेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि जिन किसानों ने जिला को-ऑपरेटिव बैंकों से खरीफ और रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया है उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी। यह ब्याज किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में गरीबों के लिए प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना के तहत घर बनाये जायेंगे इसलिए विपक्षी पार्टियों के कई लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस भाषण को मिनी बजट का नाम भी दिया। प्रधानमंत्री के इस सन्देश को साल 2017 के चुनावों के मद्देनजर अहम माना जा रहा है क्योंकि जल्द ही चुनाव आयोग गोवा, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में चुनावों की तिथि की घोषणा कर सकता है।
उत्तरप्रदेश एक एक ऐसा राज्य है जहाँ बड़ी संख्या में गरीब और किसान जनसंख्या मौजूद है। प्रधानमंत्री की इन घोषणाओं को एक रणनीति के रूप में इसलिए भी देखा जा रहा है क्योंकि 8 नवम्बर को जारी की गई नोटबंदी की घोषणा के बाद जिन लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी हुई उनमे गरीब जनता, किसान और छोटे कारोबारी शामिल हैं। वहीँ कोऑपरेटिव बैंकों में पैसे न पहुँचने से किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।