
नई दिल्ली : 8 नवंबर को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दूरदर्शन लाइव सन्देश चला कि आज के बाद 500 और 1000 ने नोट चलन से बाहर हो जायेंगे तब कहा गया कि अचानक की गई इस घोषणा के पीछे कारण गोपनीयता थी। लेकिन दूरदर्शन में काम करने वाले एक पत्रकार सत्येंद्र मुरली ने 'प्रेस क्लब ऑफ़ इंडिया' में पत्रकारों के सामने खुलासा किया कि यह लाइव सन्देश नही था बल्कि इसको पहले से ही रिकॉर्ड करके भेज गया था। जब यह टीवी चैनलों पर चला टी इसे दूरदर्शन ने लाइव के साथ चलाया। सत्येन्द्र मुरली एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि ''मैं बतौर दूरदर्शन समाचार में कार्यरत पत्रकार सत्येन्द्र मुरली जिम्मेदारीपूर्वक दावा कर रहा हूं कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'राष्ट्र के नाम संदेश' लाइव नहीं था, बल्कि पूर्व रिकॉर्डेड और एडिट किया हुआ था।
8 नवंबर 2016 को शाम 6 बजे आरबीआई का प्रस्ताव और शाम 7 बजे कैबिनेट को ब्रीफ किए जाने से कई दिनों पहले ही पीएम का 'राष्ट्र के नाम संदेश' लिखा जा चुका था और इतना ही नहीं, मोदी ने इस भाषण को पढ़कर पहले ही रिकॉर्ड करवा लिया था। 8 नवंबर 2016 को शाम 6 बजे आरबीआई से प्रस्ताव मंगवा लेने के बाद शाम 7 बजे मात्र दिखावे के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई गई जिसे मोदी ने ब्रीफ किया। किसी मसले को ब्रीफ करना और उस पर गहन चर्चा करना, दोनों में स्पष्ट अंतर होता है।
मोदी ने कैबिनेट बैठक में बिना किसी से चर्चा किए ही अपना एकतरफा निर्णय सुना दिया। यह वही निर्णय था जिसे पीएम मोदी पहले ही ले चुके थे और कैमरे में रिकॉर्ड भी करवा चुके थे। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा THE GOVERNMENT OF INDIA (TRANSACTION OF BUSINESS) RULES, 1961 एवं RBI Act 1934 की अनुपालना किस प्रकार की गई होगी? क्या इस मामले में राष्ट्रपति महोदय को सूचना दी गई?''
''इस बारे में RTI के जरिए पूछे जाने पर (PMOIN/R/2016/53416), प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाब देने की जगह टालमटोल कर दिया और आवेदन को आर्थिक मामलों के विभाग और सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भेज दिया. RTI ट्रांसफर का नंबर है – DOEAF/R/2016/80904 तथा MOIAB/R/2016/80180. यह रिकॉर्डिंग पीएमओ में हुई थी, लिहाजा इस बारे में जवाब देने का दायित्व पीएमओ का है।''