पाकिस्तान की कैद मे 4 महीने रहने के बाद स्वदेश लौटे भारतीय सैनिक ने एक मराठी चैनल को दिये इंटरव्यू मे अपनी दर्द भरी दास्ता सुनाई. चंदू ने बताया की यातना से वो इतना परेशान हो चुका था कि अक्सर हिरासत के दौरान वह अपनी मत्यु की प्रार्थना किया करता था.
भारत को 21 जनवरी को सौंपे गए चंदू बाबूलाल चव्हाण ने बातचीत के दौरान कहा कि मेरे साथ मारपीट की गई. मैंने उनसे कहा कि मुझे मार डालो. मुझे वह अन्त का मार्ग लगता था. बाईस वर्षीय सैनिक पिछले साल के 29 सितंबर को सीमा पार पाकिस्तान चला गया था. गौरतलब है कि इसी दिन भारत ने पाकिस्तान पर लक्षित हमला (सर्जिकल स्ट्राइक) किया था. चव्हाण जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा के पास तैनात था.
सीमा पार करने और पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा पकड़े जाने के बाद की स्थिति के बारे में चव्हाण ने कहा कि उन्होंने मेरी जांच की, मेरे कपड़ों की तलाशी ली. मुझ पर काला कपड़ा डालकर एक वाहन में लेकर गए. सैनिक ने कहा कि मुझे एक कमरे में रखा गया था, जहां हर वक्त अंधकार रहता था. मुझे यह चीज समझ में नहीं आई. बाथरूम और शौचालय भी कमरे में ही थे.
इस माह की शुरुआत में धुले जिलांतर्गत अपने पैतृक गांव बोरविहिर लौटे सैनिक ने चैनल से कहा कि जब मैं अपने सिर को पटककर उनसे कहता था कि मुझे मार डालो तो वे मुझे इंजेक्शन दिया करते थे. वे मेरी पिटाई किया करते थे. एक ऐसा समय आ गया जब मेरी आंखों में आंसू भी नहीं आते थे.