रायपुर : छत्तीसगढ़ दो आईएस अफसरों अलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा का नाम भ्रष्टाचार के मामले में आने के बाद खूब हंगामा मचा था वहीँ अब भारतीय वन सेवा के अफसर राजेश चंदेला का नाम उछलने के बाद छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार विपक्ष के निशाने पर है। रमन सिंह पर आरोप लग रहे कि वह इस अफसर पर अनुमति मिलने के बाद भी कार्रवाई नही कर रही है।
जबकि चंदेला के पास से एंटी करप्शन ब्यूरो करोड़ों की सम्पति भी जब्त कर चुकी है। इससे पहले नान घोटाले में शामिल आईएस अफसरों अलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा के तो केंद्र सरकार की अनुमति के बाद भी रमन सिंह ने कोई कार्रवाई नही की थी।
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार देश के 29 राज्यों में पिछले साल एंटी करप्शन ब्यूरो तथा विजिलेंस विभाग द्वारा संज्ञेय अपराध के रूप में दर्ज 147 मामलों की जांच नहीं की गई या उनकी जांच बंद कर दी गई। इन 147 मामलों में से अकेले 81 मामले छत्तीसगढ़ के हैं।
छत्तीसगढ़ में सिर्फ अलोक अग्रवाल या अनिल टूटेजा नहीं बल्कि कई ऐसे कई अफसर हैं जिनकी सम्पति आज भी करोड़ों में हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 40 आईएएस अफसरों के पास एक करोड़ से 7 करोड़ की सम्पति है। सूत्रों की माने तो रमन सिंह सरकार अलोक शुक्ला और अनिल टुटेजा जैसे अफसरों पर हाथ डालने से इसलिए भी डर रही हैं क्योंकि इनको गिरफ्तार किया गया तो कई बीजेपी नेता भी इस घोटाले के लपेटे में आ सकते हैं।