रियो डी जनेरियोः रियो ओलंपिक के आखिरी दिन पहलवान योगेश्वर कुमार ने भारत में को निराश किया है. लंदन औलंपिक में ब्रॅान्ज मेडल जीतने वाले योगेश्वर दत्त 65 किलोग्राम वर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती के पहले ही बाउट में मंगोलिया के पहलवान एम गैंजोरिग से 3-0 से हार गए.
जानिए योगेश्वर कुमार के बारे में
योगेश्वर दत्त ने आठ साल की उम्र से पहलवानी शुरू की। 20 साल की उम्र में ही 2003 में अपने पहले कॉमनवेल्थ में उन्होंने गोल्ड जीता। इसके बाद उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में गोल्ड और सिल्वर देश के लिए जीते। 2012 के लंदन ओलंपिक्स में जब कांस्य पदक जीता तो देश-दुनिया में छा गए। पहलवानी की धुन ऐसी है कि अब तक दो साल में पांच बार घुटने का आपरेशन करा चुके हैं। मगर, हर बार उन्होंने अस्पताल के बेड से कोर्ट में वापसी की। रियो ओलंपिक में गोल्ड की आखिरी उम्मीद अब योगेश्वर पर ही टिकी है।
रियो के बाद रिटायरमेंट ले सकते हैं
कहा जा रहा है कि योगेश्वर दत्त का यह अब आखिरी ओलंपिक है। इसके बाद वे पहलवानी की दुनिया से सन्यास लेने की सोच रहे हैं।