अमृतसर : कस्टम विभाग ने पाकिस्तान से आई मालगाड़ी की बोगी के प्रैंशर सिलैडर से हैरोइन की खेप पकड़े हैं. मामला सामने आने के बाद पाकिस्तानी मालगाडी चर्चा में आ गई है. और मालगाड़ी से तस्करी करने वाले तस्करों की चर्चा होनी शुरु हो गई हैं साथ ही यह सवाल भी पैदा हो रहा है कि आखिरकार पाकिस्तानी मालगाड़ी से हैरोइन की खेप कौन मंगवाता हैं ? और किस प्रकार से बोगी के प्रैसर सिलैंडर से हैरोइन की खेप निकाली जाती है.
तस्कर अभी भी शिकंजे से बाहर
कस्टम विभाग ने पाकिस्तान से आई सभी 33 बोगियों के प्रैसर सिलैडरों को खंगालना शुरु कर दिया हैं और चप्पे चप्पे की रैमजिंग की जा रही है. डिप्टी कमिश्नर कस्टम जसमीत सिंह की टीम की तरफ से पाकिस्तान तसक्रों के इरादों को तो नाकाम कर दिया गया हैं. लेकीन मालगाड़ी का तस्कर अभी भी विभाग के शिकंजे से बाहर हैं.
बिना रेलवे कर्मचारी के प्रैशर सिलैंडर में हैरोइन की खेप को छिपाना किसी तस्कर के वश की बात नहीं है
कस्टम कमिश्नर संजय गहलोत का ही करहा है कि मालगाड़ी की बोगी के प्रैशर सिलैंडर में हैरोइन की खेप को छिपाना किसी आम तस्कर के वश की बात नहीं है बल्कि यह खेप रेलवे के तकनीकी माहिर की मदद से ही छिपाई जा सकती हैं इतना ही नहीं इसको निकालने के लिए भी रेलवे के तकनीकी महारि की ही मदद ली जा सकती हैं क्योकि प्रैशर सिलैंडर को खोलना साधारण व्यक्ति के वश की बात नहीं हैं , इसको खोलते समय प्रैशर के कारण इसका नट गोली की तरह निकलता है . जिसके लगने से मौत भी हो सकती हैं.