shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

पल्लविनी

सुमित्रा नन्दन पंत

60 भाग
0 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
1 पाठक
7 मई 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

पल्लव सुमित्रानंदन पंत का तीसरा कविता संग्रह है जो 1928 में प्रकाशित हुआ था। यह हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रारंभ का समय था और इसकी लगभग सभी कविताएँ प्रकृति के प्रति प्रेम में डूबी हुई हैं। माना जाता है कि पल्लव में सुमित्रानंदन पंत की सबसे कलात्मक ऐसी 32 कविताओं का संग्रहीत हैं जो 1918 से 1925 के बीच लिखी गई थीं। इस संबंध में हजारी प्रसाद द्विवेदी जी कहते हैं- ‘‘पल्लव बिलकुल नये काव्य-गुणों को लेकर हिन्दी साहित्य जगत में आया।..पन्त में कल्पना शब्दों के चुनाव से ही शुरू होती है। छन्दों के निर्वाचन और परिवर्तन में भी वह व्यक्त होती है। उसका प्रवाह अत्यन्त शक्तिशाली है। जब प्रकृति और मानव-सौन्दर्य के प्रति कवि के बालकोचित औत्सुक्य और कुतूहल के भावों का सम्मिलन होता है तो ऐसे सौन्दर्य की सृष्टि होती है |  

pallavini

0.0

शब्द mic

पुस्तक के भाग

1

विनय

30 अप्रैल 2022

0
0
1

विनय

30 अप्रैल 2022
0
0
2

झर पड़ता जीवन डाली से

30 अप्रैल 2022

0
0
2

झर पड़ता जीवन डाली से

30 अप्रैल 2022
0
0
3

आशंका

30 अप्रैल 2022

0
0
3

आशंका

30 अप्रैल 2022
0
0
4

मोह

30 अप्रैल 2022

0
0
4

मोह

30 अप्रैल 2022
0
0
5

याचना

30 अप्रैल 2022

0
0
5

याचना

30 अप्रैल 2022
0
0
6

प्रथम रश्मि

30 अप्रैल 2022

0
0
6

प्रथम रश्मि

30 अप्रैल 2022
0
0
7

बादल

30 अप्रैल 2022

0
0
7

बादल

30 अप्रैल 2022
0
0
8

परिवर्तन

30 अप्रैल 2022

0
0
8

परिवर्तन

30 अप्रैल 2022
0
0
9

आज शिशु के कवि को अनजान

30 अप्रैल 2022

0
0
9

आज शिशु के कवि को अनजान

30 अप्रैल 2022
0
0
10

लाई हूँ फूलों का हास

30 अप्रैल 2022

0
0
10

लाई हूँ फूलों का हास

30 अप्रैल 2022
0
0
11

तेरा कैसा गान

30 अप्रैल 2022

0
0
11

तेरा कैसा गान

30 अप्रैल 2022
0
0
12

कब से विलोकती तुमको

30 अप्रैल 2022

0
0
12

कब से विलोकती तुमको

30 अप्रैल 2022
0
0
13

प्रिये, प्राणों की प्राण

30 अप्रैल 2022

0
0
13

प्रिये, प्राणों की प्राण

30 अप्रैल 2022
0
0
14

मुसकुरा दी थी क्या तुम प्राण

30 अप्रैल 2022

0
0
14

मुसकुरा दी थी क्या तुम प्राण

30 अप्रैल 2022
0
0
15

तुम्हारी आँखों का आकाश

30 अप्रैल 2022

0
0
15

तुम्हारी आँखों का आकाश

30 अप्रैल 2022
0
0
16

नवल मेरे जीवन की डाल

30 अप्रैल 2022

0
0
16

नवल मेरे जीवन की डाल

30 अप्रैल 2022
0
0
17

मधुवन

30 अप्रैल 2022

0
0
17

मधुवन

30 अप्रैल 2022
0
0
18

आज रहने दो यह गृह-काज

30 अप्रैल 2022

0
0
18

आज रहने दो यह गृह-काज

30 अप्रैल 2022
0
0
19

प्राण! तुम लघु-लघु गात

30 अप्रैल 2022

0
0
19

प्राण! तुम लघु-लघु गात

30 अप्रैल 2022
0
0
20

जग के उर्वर आँगन में

30 अप्रैल 2022

0
0
20

जग के उर्वर आँगन में

30 अप्रैल 2022
0
0
21

वन-वन, उपवन

30 अप्रैल 2022

0
0
21

वन-वन, उपवन

30 अप्रैल 2022
0
0
22

तप रे मधुर-मधुर मन

30 अप्रैल 2022

0
0
22

तप रे मधुर-मधुर मन

30 अप्रैल 2022
0
0
23

मैं नहीं चाहता चिर सुख

30 अप्रैल 2022

0
0
23

मैं नहीं चाहता चिर सुख

30 अप्रैल 2022
0
0
24

देखूँ सबके उर की डाली

30 अप्रैल 2022

0
0
24

देखूँ सबके उर की डाली

30 अप्रैल 2022
0
0
25

आँसू की आँखों से मिल

30 अप्रैल 2022

0
0
25

आँसू की आँखों से मिल

30 अप्रैल 2022
0
0
26

कुसुमों के जीवन का पल

30 अप्रैल 2022

0
0
26

कुसुमों के जीवन का पल

30 अप्रैल 2022
0
0
27

क्या मेरी आत्मा का चिर धन

30 अप्रैल 2022

0
0
27

क्या मेरी आत्मा का चिर धन

30 अप्रैल 2022
0
0
28

एक तारा

30 अप्रैल 2022

0
0
28

एक तारा

30 अप्रैल 2022
0
0
29

नौका-विहार

30 अप्रैल 2022

0
0
29

नौका-विहार

30 अप्रैल 2022
0
0
30

चाँदनी

30 अप्रैल 2022

0
0
30

चाँदनी

30 अप्रैल 2022
0
0
31

जग के दुख दैन्य शयन पर

30 अप्रैल 2022

0
0
31

जग के दुख दैन्य शयन पर

30 अप्रैल 2022
0
0
32

सुन्दर मृदु-मृदु रज का तन

30 अप्रैल 2022

0
0
32

सुन्दर मृदु-मृदु रज का तन

30 अप्रैल 2022
0
0
33

अप्सरा

30 अप्रैल 2022

0
0
33

अप्सरा

30 अप्रैल 2022
0
0
34

द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र

30 अप्रैल 2022

0
0
34

द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र

30 अप्रैल 2022
0
0
35

गा कोकिल, बरसा पावक कण

30 अप्रैल 2022

0
0
35

गा कोकिल, बरसा पावक कण

30 अप्रैल 2022
0
0
36

वे डूब गए

30 अप्रैल 2022

0
0
36

वे डूब गए

30 अप्रैल 2022
0
0
37

वे चहक रहीं कुंजों में

30 अप्रैल 2022

0
0
37

वे चहक रहीं कुंजों में

30 अप्रैल 2022
0
0
38

ताज

30 अप्रैल 2022

0
0
38

ताज

30 अप्रैल 2022
0
0
39

बाँसों का झुरमुट

30 अप्रैल 2022

0
0
39

बाँसों का झुरमुट

30 अप्रैल 2022
0
0
40

झर पड़ता जीवन डाली से

30 अप्रैल 2022

0
0
40

झर पड़ता जीवन डाली से

30 अप्रैल 2022
0
0
41

द्वाभा के एकाकी प्रेमी

30 अप्रैल 2022

0
0
41

द्वाभा के एकाकी प्रेमी

30 अप्रैल 2022
0
0
42

चंचल पग दीप-शिखा-से

30 अप्रैल 2022

0
0
42

चंचल पग दीप-शिखा-से

30 अप्रैल 2022
0
0
43

विद्रुम औ मरकत की छाया

30 अप्रैल 2022

0
0
43

विद्रुम औ मरकत की छाया

30 अप्रैल 2022
0
0
44

वह विजन चाँदनी की घाटी

30 अप्रैल 2022

0
0
44

वह विजन चाँदनी की घाटी

30 अप्रैल 2022
0
0
45

मंजरित आम्र वन छाया में

30 अप्रैल 2022

0
0
45

मंजरित आम्र वन छाया में

30 अप्रैल 2022
0
0
46

अँधियाली घाटी में

30 अप्रैल 2022

0
0
46

अँधियाली घाटी में

30 अप्रैल 2022
0
0
47

मानव

30 अप्रैल 2022

0
0
47

मानव

30 अप्रैल 2022
0
0
48

मिट्टी का गहरा अंधकार

30 अप्रैल 2022

0
0
48

मिट्टी का गहरा अंधकार

30 अप्रैल 2022
0
0
49

बापू के प्रति

30 अप्रैल 2022

0
0
49

बापू के प्रति

30 अप्रैल 2022
0
0
50

खोलो, मुख से घूँघट

3 अगस्त 2022

0
0
50

खोलो, मुख से घूँघट

3 अगस्त 2022
0
0
51

नक्षत्र

3 अगस्त 2022

0
0
51

नक्षत्र

3 अगस्त 2022
0
0
52

बादल

3 अगस्त 2022

0
0
52

बादल

3 अगस्त 2022
0
0
53

जीवन-यान

3 अगस्त 2022

0
0
53

जीवन-यान

3 अगस्त 2022
0
0
54

याचना

3 अगस्त 2022

0
0
54

याचना

3 अगस्त 2022
0
0
55

मौन-निमन्त्रण

3 अगस्त 2022

0
0
55

मौन-निमन्त्रण

3 अगस्त 2022
0
0
56

परिवर्तन

3 अगस्त 2022

0
0
56

परिवर्तन

3 अगस्त 2022
0
0
57

विनय

3 अगस्त 2022

0
0
57

विनय

3 अगस्त 2022
0
0
58

वसन्त-श्री

3 अगस्त 2022

0
0
58

वसन्त-श्री

3 अगस्त 2022
0
0
59

झर पड़ता जीवन डाली से

3 अगस्त 2022

0
0
59

झर पड़ता जीवन डाली से

3 अगस्त 2022
0
0
60

मोह

3 अगस्त 2022

0
0
60

मोह

3 अगस्त 2022
0
0
---