मुझे असत से
29 अप्रैल 2022
सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं - छायावादी काव्य की सम्पूर्ण कोमलता और कमनीयता इनके काव्य में साकार हो उठी है। प्रकृति के हरे-भरे वातावरण में बैठकर जब ये कल्पना लोक में खो जाते थे तो प्रकृति की सुन्दरता का सृजन स्वयं ही मूर्त हो उठता और मानवता के मंगलमय उन्नयन के स्वर गूंज उठते। हिंदी के नवीन धारा के प्रवर्तक कवि के रूप में पहचाने जाने लगे थे। इस दौर की उनकी कविताएं वीणा में संकलित हैं। वे १९५० से १९५७ तक आकाशवाणी से जुडे रहे और मुख्य-निर्माता के पद पर कार्य किया। उनकी विचारधारा योगी अरविन्द से प्रभावित भी हुई जो बाद की उनकी रचनाओं 'स्वर्णकिरण' और 'स्वर्णधूलि' में देखी जा सकती है।
4 फ़ॉलोअर्स
7 किताबें