नई दिल्लीः पिता मुलायम सिंह यादव का तख्तापलट करने के बाद अगर अखिलेश ने सबसे पहले कहीं चोट की तो पार्टी के खाते पर। चुनाव आयोग को अर्जी देकर पार्टी के कई बैंकों में चल रहे खाते एक जनवरी को ही फ्रीज करा दिए। पार्टी के सूत्र बताते हैं कि इन बैंकों में करीब पांच सौ करोड़ रुपये जमा हैं। यह सब कदम अखिलेश ने इसलिए उठाया ताकि मुलायम सिंह और शिवपाल पार्टी फंड में जमा करोड़ों की धनराशि को ठिकाने न लगा दें। जब तक मुलायम बैंक से पत्र व्यवहार कर कुछ करते उससे पहले ही अखिलेश ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने की जानकारी देते हुए बैंकों को पत्र लिखकर संबंधित खातों को फ्रीज करने को कहा।
350 करोड़ पार्टी ने की थी फिक्स डिपॉजिट
समाजवादी पार्टी की ओर से बैंक आफ इंडिया, केनरा बैंक, स्टेट बैंक, विजया बैंक और यूपी कोऑपरेटिव बैंक की लखनऊ शाखा में खाते संचालित करवाए जा रहे थे। वहीं दिल्ली के स्टेट बैंक और इटावा के बैंक और बड़ौदा में भी सप के खाते चल रहे हैं। लखनऊ के दो बैंकों में 23 करोड़ व 19 करोड़ जमा है। सूत्रों का दावा है कि 350 करोड़ की रकम फिक्स डिपॉजिट के तौर पर जमा है। लखनऊ के स्टेट बैंक और बैंक आफ बड़ौदा में क्रमश: 23 करोड़ और 19 करोड़ रुपये जमा होने की बात कही जा रही है। अखिलेश के पत्र के बाद सपा के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं। दिल्ली, लखनऊ, इटावा में कई बैंकों की शाखाओं में सपा के लगभग 500 करोड़ रुपये जमा हैं। इन बैंकों से फिलहाल कोई लेन-देन नहीं हो सकेगा।
अखिलेश ने पत्र में क्या लिखा
अखिलेश ने बैंकों को लिखे पत्र में कहा कि पार्टी ने शिवपाल की जगह नरेश उत्तम को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया और मुलायम सिंह के स्थान पर अखिलेश को राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। अतः अब नए पदाधिकारियों के हस्ताक्षर से ही पैसे निकल सकेंगे। जब तक नए पदाधिकारियों के हस्ताक्षर सत्यापित नहीं हो जाते, तब तक खाते से पूर्व पदाधिकारियों की ओर से किसी निकासी पर रोक लगा दी जाए।