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परिचय

2 नवम्बर 2023

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परिचय
डॉ. विक्रमजीत
जन्म : मार्च 4, 1955 (टोहाना) हरि.
शिक्षा : हिन्दी, अंग्रेजी एवं राजनीति विज्ञान में एम. ए. डिप. लिब. एससी, नेट पी-एच. डी. (हिन्दी) डी. लिट.
लेखन : पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन 1973 से । कागजी पहल (1980), भावांजलि (2013), जय-जय हिन्दुस्तान (2014), नियति नर्तन (2014), सूत्रपात (2014), काव्य संकलन तथा आधुनिक हिन्दी काव्य में राजनीतिक व्यंग्य (शोध प्रबंध) (1996) । संलाप 2015, रस राज 2015, आधी आजादी : लड़खड़ाती आबादी (निबंध) 2015, जीवन जाल ( काव्य ) 2015 कुछ संगीत अपेक्षी गीत 2016, निराकार साकार : गुरु रूप में 2016, विक्रमण : मध्यमार्गी 2016, वैश्विक चेतना (शोध प्रबंध) 2016, एक यात्रा : स्वाप्निल साम्राज्य की ओर (2017), मन भरमाये : संभव उपाय ( काव्य ) 2018, विचरण : मनोभाव नगरीय (कथा) 2018, सुशीला : एक भिन्न यात्री (जीवनी) 2018, मन सताए : सही संत बचाए 2018, राम रस खोज (कहानी-जहानी :4) 2019, हरि रस मौज (कारण कहानी - 5 ) 2019, नाम रस सोज (एक काव्य - विश्वासायी) 2019, शब्द रस ओज (2019 ), विरह वेदना (काव्य) 2020, जिंदगी व बंदगी ( एक सहयात्रा - 6 ) 2020, वक्र जीवन चक्र ( एक काव्य - उम्मीदाश्रयी), मानवता का छोर (किस्सा शाही जामा - 7 ), नव भोर की ओर ( आप बीती - 8) रूहानी विज्ञान-9 (2023), शब्द स्तब्ध लोक (पद्य) (2023)
विविध : आकाशवाणी रोहतक व हिसार से काव्य, वार्ताएं प्रस्तुति / संचालन | दूरदर्शन व सिटी चैनल से काव्य प्रस्तुति व संचालन। शिक्षक प्रशिक्षण, गीत लेखन, शोध निर्देशन |
सम्मान : रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान (जैमिनी पानीपत 2002) अमृत क्लश अलंकरण (खंडवा 2002), सामुदायिक चेतना पुरस्कार 2006, राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2005, प्रशस्ति पत्र 2012 (हरि.), आदित्य अल्लहड़ हास्य व्यंग्य सम्मान 2016, हरियाणा साहित्य अकादमी /हरियाणा साहित्य संगम 2017 (स्वर्ण जयंति पुरस्कार ) ।
सम्प्रति : सेवानिवृत्त प्राचार्य / कलमकार


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रचनाएँ
रूहानी विज्ञान
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रूहानी विज्ञान (आचार-विचार-9) सदा सहायी, अनंत सुखदायी, सदा रूहानी रहनुमाई; धन आवाजाई से बचाने वाले परम संत बाबाजी (ब्यास) को
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परिचय

2 नवम्बर 2023
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परिचय डॉ. विक्रमजीत जन्म : मार्च 4, 1955 (टोहाना) हरि. शिक्षा : हिन्दी, अंग्रेजी एवं राजनीति विज्ञान में एम. ए. डिप. लिब. एससी, नेट पी-एच. डी. (हिन्दी) डी. लिट. लेखन : पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का

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अथ् वार्तालाप

2 नवम्बर 2023
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नित्य प्रतीक्षारत धरा जगे सूर्य की उष्मा पाने हेतु अन्यथा समस्त पस्त सा रहे जगत्, वनस्पति जगत को चाहिए धूप - बदरा जो अपेक्षित गतिशील जीवों के संचालन हित- और उनमें से श्रेष्ठ मानव को क्षुधा पूर्ति पश्च

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6 नवम्बर 2023
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सुबोध राय मनमौजी किस्म का अपनी ही तरह का आदमी निकला कि छोटे-से-छोटे ओहदे पर रहते हुए भी तेवर बड़े-बड़े दिखा जाता विशेषतः बड़े आहदे वालों के सम्मुख, जबकि साथी-संगियों के साथ रहता तो ऐसे दर्शाता कि उनसे

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6 नवम्बर 2023
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घुमंतु छुटपन भाई जी को लगने लगा कि यह भौतिक संसार प्राचीन काल में भी जनश्रुति द्वारा सुदूर प्रान्तों (देशों) की सूचनाएं प्राप्त कर पैदल या पशुओं के सहारे लम्बी-लम्बी दूरी की यात्राएं कर अन्य देशों-जात

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6 नवम्बर 2023
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हर तरह के साधु-संतों व धर्मिक स्थानों के सत्संग आदि सुनने के पश्चात मियां लोभ-लाभ जी को भी मध्यम वय में एक पूर्ण संत के सत्संग में पहुँचनें का अवसर मिला तो एक अति भव्य - विहंगम दृश्य अपस्थित हो चौंकान

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8 नवम्बर 2023
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श्री आदी नाथ उर्फ (वस्तुत: व्याधि ग्रस्त अपराधी सम) कि उम्र बीतनेकेसाथ-साथ पापोंका लादान भी बढ़ता ही रहता हैक्योंकि जिन पदार्थो/अनाज़ों पेड़ पौधों या बनस्पति का हम प्रतिदिन भोग करतेहैं वह भी जीवन युक

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6 नवम्बर 2023
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माननीय अपरिपक्व सिंह जी उम्र के उस पड़ाव पर थे जहाँ लोग खुद को बूढ़ा या सठिया जाने वाली अवस्था में पहुँच बतलाने-जतलाने लगते हैं कि व्यवहार में कुछ भुलक्कड़पन, नादानी दिखाने या हैरानी देने वाली बात, हर

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6 नवम्बर 2023
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दु:खी मन राय (विगत खंडों के सभी जन का मिश्रण / व्यक्तित्व) अंत्तः स्वयं को ऐसे मुकाम या मचान के समीप पाता है जहां प्राय: उम्र देखकर तो जिंदगी की ढलान कह देते हैं पर वह अनुभव कहता है कि बाम पर है, मचान

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