परिचय
डॉ. विक्रमजीत
जन्म : मार्च 4, 1955 (टोहाना) हरि.
शिक्षा : हिन्दी, अंग्रेजी एवं राजनीति विज्ञान में एम. ए. डिप. लिब. एससी, नेट पी-एच. डी. (हिन्दी) डी. लिट.
लेखन : पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन 1973 से । कागजी पहल (1980), भावांजलि (2013), जय-जय हिन्दुस्तान (2014), नियति नर्तन (2014), सूत्रपात (2014), काव्य संकलन तथा आधुनिक हिन्दी काव्य में राजनीतिक व्यंग्य (शोध प्रबंध) (1996) । संलाप 2015, रस राज 2015, आधी आजादी : लड़खड़ाती आबादी (निबंध) 2015, जीवन जाल ( काव्य ) 2015 कुछ संगीत अपेक्षी गीत 2016, निराकार साकार : गुरु रूप में 2016, विक्रमण : मध्यमार्गी 2016, वैश्विक चेतना (शोध प्रबंध) 2016, एक यात्रा : स्वाप्निल साम्राज्य की ओर (2017), मन भरमाये : संभव उपाय ( काव्य ) 2018, विचरण : मनोभाव नगरीय (कथा) 2018, सुशीला : एक भिन्न यात्री (जीवनी) 2018, मन सताए : सही संत बचाए 2018, राम रस खोज (कहानी-जहानी :4) 2019, हरि रस मौज (कारण कहानी - 5 ) 2019, नाम रस सोज (एक काव्य - विश्वासायी) 2019, शब्द रस ओज (2019 ), विरह वेदना (काव्य) 2020, जिंदगी व बंदगी ( एक सहयात्रा - 6 ) 2020, वक्र जीवन चक्र ( एक काव्य - उम्मीदाश्रयी), मानवता का छोर (किस्सा शाही जामा - 7 ), नव भोर की ओर ( आप बीती - 8) रूहानी विज्ञान-9 (2023), शब्द स्तब्ध लोक (पद्य) (2023)
विविध : आकाशवाणी रोहतक व हिसार से काव्य, वार्ताएं प्रस्तुति / संचालन | दूरदर्शन व सिटी चैनल से काव्य प्रस्तुति व संचालन। शिक्षक प्रशिक्षण, गीत लेखन, शोध निर्देशन |
सम्मान : रामवृक्ष बेनीपुरी सम्मान (जैमिनी पानीपत 2002) अमृत क्लश अलंकरण (खंडवा 2002), सामुदायिक चेतना पुरस्कार 2006, राजकीय शिक्षक पुरस्कार 2005, प्रशस्ति पत्र 2012 (हरि.), आदित्य अल्लहड़ हास्य व्यंग्य सम्मान 2016, हरियाणा साहित्य अकादमी /हरियाणा साहित्य संगम 2017 (स्वर्ण जयंति पुरस्कार ) ।
सम्प्रति : सेवानिवृत्त प्राचार्य / कलमकार