जमशेदपुर : टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में इलाजतक पेशेंट के परिजनों ने डॅाक्टरों पर मौत के बाद भी डायलिसिस करने के नाम पर पैसे एठने का आरोप लगया है. इसे लेकर परिजनों ने टीएमएच के प्रबंधको से तु-तु मै-में भी करी, दरअसल 80 साल के चित्तरंजन घोष को उसके परिजनों ने निमनिया की शिकायत के बाद बुधवार को टीएमएस में एडमिट कराया था. गुरुवार को पेशेंट की मौत हो जाने के बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर पेशेंट की मौत का रहस्य छुपाने और मृतक को डायलिसिस करने के नाम पर परिजनों से पैसे वसूलने का आरोप लगाया. इसी बात को लेकर हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड के समक्ष घंटों बवाल होता रहा.
यह है पूरा मामला
मृतक की बड़ी बेटी रिता दत्ता ने बताया कि उनके पिता को बुधवार की दोपहर करीब दो बजे टीएमएच में एडमिट किया गया था. थोड़ी देर बाद ही टीएमएच के डॉक्टर्स ने पापा को आईसीयू वार्ड में ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद हमारे परिवार वालो को पापा से मिलने नहीं दिया गया. शाम करीब 6 बजे पेशेंट की हालत खराब होने की जानकारी देते हुए परिजनों से चार हजार रुपये की दवाई लाने को कहा गया. गुरुवार की सुबह करीब आठ बजे चित्तरंजन के बड़े बेटे मंतोष घोष को डॉक्टरों ने बताया कि उनके पिता की हालत बिगड़ती जा रही है. साथ ही कुछ दस्तावेज पर साइन कराया गया. इसके बाद डॉक्टर्स ने पेशेंट के लीवर फेल होने की जानकारी दी और परिजनों को डायलिसिस के लिए हॉस्पिटल के कैश काउंटर पर पैसे जमा करने को कहा. करीब सात बजे चित्तरंजन की बेटी रिता दत्ता व पोती चंदना दत्ता जबरन आईसीयू वार्ड में घुस गईं. उन्होंने पाया कि चित्तरंजन की मौत हो चुकी है. इसके बाद वो चीखने- चिलाने लगीं. यह देख वार्ड में मौजूद नर्स व डॉक्टर्स ने उन्हें वार्ड से बाहर कर दिया. परिजनों ने जब सच्चाई जाननी चाही तो डॉक्टर्स ने पेशेंट की मृत्यु की बात स्वीकार नहीं की और डायलिसिस के लिए पैसे जमा करने को कहा. दिन के करीब एक बजे परिजनों ने हॉस्पिटल में हो- हंगामा करना शुरू कर दिया। हंगामा होता देख हॉस्पिटल मैनेजमेंट की ओर से दिन के ख्.क्भ् बजे चित्तरंजन घोष के मौत की पुष्टि कर दी.