नई दिल्ली : राज्य के शिक्षा मंत्री ने कहा है कि आईसीएसई और सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों सहित राज्य के सभी स्कूलों में छात्रों का बंगाली भाषा सीखना अनिवार्य किया जाएगा। शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कल यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘अभी से छात्रों के लिए स्कूलों में बंगाली सीखना अनिवार्य होगा। आईसीएसई, सीबीएसई या अन्य बोडरे से संबद्ध स्कूलों को भी कक्षा एक से बंगाली को वैकल्पिक विषय बनाना होगा।
छात्रों को इसे दूसरी या तीसरी भाषा के रूप में चुनने का विकल्प दिया गया है।’’ चटर्जी ने कहा, ‘‘अगर एक छात्र हिंदी या अंग्रेजी या गुरूमुखी या उर्दू या संथाली या फिर नेपाली को पहली भाषा के तौर पर चुनता है तो उसे दो अन्य भाषाओं को भी चुनने की जरूरत होती है और इन दो भाषाओं में से एक बंगाली होना चाहिए।’’ मंत्री ने बताया कि बहुत से स्कूलों में बंगाली को विकल्प के रूप में नहीं रखने जानकारी मिलने के बाद यह निणर्य लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके कानूनी पक्ष पर ध्यान देंगे कि इसके लिए अलग कानून की जरूरत है या फिर राज्य कैबिनेट का फैसला ही पर्याप्त होगा।’’ सरकार के इस कदम की लेख क और इतिहासकार नृसिंगा प्रसार भादुरी ने स्वागत किया है।