24 सितम्बर 2015
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संपर्क -- + ९१९५५५५४८२४९ ,मैं अपने विद्यार्थी जीवन से ही साहित्य की विभिन्न गतिविधियों में संलग्न रहा|आगरा वि.वि.से लेखा शास्त्र एवं हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की ,फिल्म निर्देशन व पटकथा लेखन में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की |सर्वप्रथम मुंबई को अपना कार्यक्षेत्र बनाया |लेखक-निर्देशक श्री गुलजार के साथ सहायक फिल्म निर्देशक के रूप में कार्य किया|पटकथा लेखन में श्री कमलेश्वर के साथ टी.वी.के लिए कार्य कर दिल्ली वापस लौट आया|तत्पश्चात दिल्ली दूरदर्शन में दूरदर्शन निदेशक डॉ.जॉन चर्चिल,श्री प्रेमचंद्र आर्या के साथ कार्य किया|साथ ही साथ आकाशवाणी आगरा,दिल्ली,नजिवाबाद केन्द्रों से काव्यपाठ एवं नाटक,एकांकी के लिए कार्य किया |२००२ से अपना व्यवसाय करते हुए साहित्यक कार्यक्रमों में मेहमान वक्ता-प्रवक्ता एवं दिग्दर्शक के रूप में स्वतंत्र रूप से सेवारत हूँ । D
उत्कृष्ट रचना !
1 अक्टूबर 2015
विदित है सबको, सभी की मंज़िले भी एक हैं , किसी को मिल गई ! गर्वित !! ह्रदय हर्षित निरंतर बढ़ रहा है, कठिन....उन्नत! समय की सीढीयाँ वो , पथिक ! उपयुक्त ,सबल ,प्रायोगिक कविता !
28 सितम्बर 2015
हमारी अनवरत यात्रा, पड़ाव कम , अतुलनीय !जीवन अनंत, निरंतर अग्रसर है , वाकई !सुन्दर गहरी सोच !
28 सितम्बर 2015
हमें में तो आपके शब्दों से ऊर्जा प्राप्त होती है ,वर्तिका जी प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद !
24 सितम्बर 2015
प्रियंका जी ह्रदय से आपका आभार ,आपके शब्दों से मैं अनायास ही गौरवाम्वित प्रतीत करता हूँ धन्यवाद !
24 सितम्बर 2015
आज बहुत गहरी रचा आई है ।.. हम सब रोज़ ही संघर्ष करते हैं ।..
24 सितम्बर 2015