3 अक्टूबर 2015
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संपर्क -- + ९१९५५५५४८२४९ ,मैं अपने विद्यार्थी जीवन से ही साहित्य की विभिन्न गतिविधियों में संलग्न रहा|आगरा वि.वि.से लेखा शास्त्र एवं हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की ,फिल्म निर्देशन व पटकथा लेखन में व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की |सर्वप्रथम मुंबई को अपना कार्यक्षेत्र बनाया |लेखक-निर्देशक श्री गुलजार के साथ सहायक फिल्म निर्देशक के रूप में कार्य किया|पटकथा लेखन में श्री कमलेश्वर के साथ टी.वी.के लिए कार्य कर दिल्ली वापस लौट आया|तत्पश्चात दिल्ली दूरदर्शन में दूरदर्शन निदेशक डॉ.जॉन चर्चिल,श्री प्रेमचंद्र आर्या के साथ कार्य किया|साथ ही साथ आकाशवाणी आगरा,दिल्ली,नजिवाबाद केन्द्रों से काव्यपाठ एवं नाटक,एकांकी के लिए कार्य किया |२००२ से अपना व्यवसाय करते हुए साहित्यक कार्यक्रमों में मेहमान वक्ता-प्रवक्ता एवं दिग्दर्शक के रूप में स्वतंत्र रूप से सेवारत हूँ । D
सघन! संवेदना को जोड़ने, करने पुनः निर्माण , तम को वेधता, क्षितिज के पार सूरज को जगाने , आनंदित करती प्न्क्तीयाँ ,बधाइयाँ! ऊष्मा के नीड से !
4 अक्टूबर 2015
ओमप्रकाश शर्मा जी ,सुन्दर शब्दों में ,उत्साहवर्धन के लिए ह्रदय से आभार !
3 अक्टूबर 2015
"प्रणय के द्वार खोले, फिर ह्रदय के देवता , जयघोष करते! शक्ति का संचार करने लिए; साकार होते"...कवि-ह्रदय को कविता कहाँ-कहाँ से प्राप्त हो जाती है, आपकी रचनाओं में सहज ही देखा जा सकता है..........उत्कृष्ट रचना !
3 अक्टूबर 2015