हरसिंगार एक उपयोगी सुगन्धित फूल देने वाला और विभिन्न रोगों में काम आने वाला पौधा है, जिस जगह हरसिंगार लगा होता है उस स्थान से 100 मीटर क्षेत्र में खुशबु तो आती ही है नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है।
इसीलिए प्राचीन ग्रंथों में इसे *हरि का श्रृंगार* नाम से संबोधित किया गया है।
बिभिन्न रोगों में इसके फायदे आज देखिये:
*शारीरिक विकास में हरसिंगार का प्रयोग* :
इसके फूलों को छाया में सुखाकर पावडर कर लीजिये, आधा चम्मच पाउडर में मिश्री मिलाकर खाली पेट लीजिए शारीरिक शक्ति का विकास होगा .
*जोड़ों के दर्द में हरसिंगार के प्रयोग
जोड़ों का दर्द होने पर इसके पत्तों और छाल का काढ़ा पीजिए . 5-6 पत्ते और थोड़ी छाल को 400 ग्राम पानी लेकर धीमी आंच पर पकाएं . जब एक तिहाई रह जाए तो खाली पेट पीयें .
*खांसी में हरसिंगार के प्रयोग
इसकी दो पत्तियां +एक फूल + 5 तुलसी के पत्ते ! ये सब लेकर इसको एक गिलास पानी में उबालें और चाय की तरह पी लें . इससे पेट का जमा हुआ मल भी निकल जाएगा .*पेट में कीड़े में हरसिंगार के प्रयोग
5-6 पत्तों का रस लें .छोटा बच्चा है तो एक चम्मच और बड़ा व्यक्ति है तो दो चम्मच . सुबह खाली पेट थोडा पानी और चीनी मिलाकर लें . साल में कभी-कभी यह रस ले लें तो पेट में कीड़े होंगे ही नहीं .
*पुराने टाइफाइड बुखार में हरसिंगार के प्रयोग
पुराना टाइफाइड बुखार हो या शरीर की टूटन हो तो , इसकी तीन ग्राम छाल +दो पत्तियां +3-4 तुलसी की पत्तियां पानी में उबालकर सुबह शाम लें .
*साइटिका (Sciatica) की बीमारी में हरसिंगार के प्रयोग
Sciatica का तो इलाज ही यह पेड़ है . इसके दो तीन बड़े पत्तों को पीस कर उनका काढ़ा सवेरे शाम खाली पेट पीयें .
*बवासीर में हरसिंगार के प्रयोग*:
बवासीर के लिए इसके बीज रामबाण औषधि की तरह काम करते हैं। इसके एक बीज का सेवन प्रतिदिन करने से बवासीर ठीक हो जाता है।
या
हरसिंगार के बीज 10 ग्राम तथा कालीमिर्च 3 ग्राम को मिलाकर पीस लें और चने के बराबर आकार की गोलियां बनाकर खायें। रोजाना 1-1 गोली गुनगुने जल के साथ सुबह-शाम खाने से बवासीर ठीक होती है। यदि गुदाद्वार में सूजन या मस्से की समस्या है तो हरसिंगार के बीजों का लेप बनाकर गुदे पर लगाने से लाभ मिलता है।
*इस उपयोगी पौधे को अपने घर की फुलवारी में ज़रूर लगाएं*