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पौराणिक

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भक्ति क्या है? भक्ति से क्या लाभ है?भाव सहित खोजइ जो प्रानी। पाव भगति मनि सब सुख खानी॥मोरें मन प्रभु अस बिस्वासा। राम ते अधिक राम कर दासा॥भावार्थ:-जो प्राणी उसे प्रेम के साथ खोजता है, वह सब सुखों की ख

कृष्ण-भक्त मीर माधव बहुत समय पहले की बात हैं मुल्तान ( पंजाब ) का रहने वाला एक ब्राह्मण उत्तर भारत में आकर बस गया। जिस घर में वह रहता था उसकी ऊपरी मंजिल में कोई मुग़ल-दरबारी रहता था। प्र

राधाजी का महादान   श्री राधारानी जी की रत्ना नाम की एक किशोरी सखी है। श्याम रंग की है वह बड़ी सलोनी सखी है। उसका सेवा कार्य है श्री राधाकृष्ण के वस्त्रों को उत्तम रीति से धोना।   

मंत्र-विधियाँ क्यों नहीं करते हैं काम?आपने अक्सर सत्संग में सुना होगा, रामायण, महाभारत या वेदों आदि में पढ़ा होगा कि प्राचीन काल में तपस्वी लोग मंत्रों की शक्ति से जो चाहे हासिल कर लेते थे। वे जिस चीज

मां दुर्गा का सर्वश्रेष्ठ मन्त्र : नवार्ण मन्त्र!!!!!!‘कलौ चण्डीविनायकौ’ के अनुसार कलियुग में देवी दुर्गा की आराधना तत्काल फल देने वाली बताई गयी है। भगवती दुर्गा की यह उपासना उनके मूल मन्त्र (नवार्ण म

दिव्य वृक्ष पीपल की पूजा क्यों और कैसे की जाती है ?‘अश्वत्थ: पूजितो यत्र पूजिता: सर्वदेवता:’ अर्थात् पीपल वृक्ष की पूजा करने से समस्त देवता पूजित हो जाते हैं; इसीलिए हिन्दू धर्म में पीपल की पूजा अनाद

भगवान विष्णु पूरी करते है अपने भक्तों की मनोकामना”प्राचीन काल की बात है। किसी राज्य में एक बड़ा प्रतापी और दानी राजा राज करता था। वह प्रत्येक गुरुवार को व्रत रखता एवं भूखे और गरीबों को दान देकर पुण्य

एकादशी व्रत की विधि व नियम!भगवान श्रीराम के वर से यज्ञसीताएं श्रीकृष्णावतार में गोपियों के रूप में उत्पन्न हुईं। एक दिन वे श्रीकृष्ण का दर्शन कर मोहित हो गईं और श्रीकृष्ण की प्रसन्नता के लिए कोई व्रत

लक्ष्मीजी ने गोमय को क्यों चुना अपना निवास-स्थानऊँ नमो गोभ्य: श्रीमतीभ्य: सौरभेयीभ्य एव च।नमो ब्रह्मसुताभ्यश्वच पवित्राभ्यो नमो नम:।।अर्थात्-गौ को नमस्कार है, श्रीमती को नमस्कार है, सुरभि देवी को नमस्

वेदमाता गायत्री मन्त्र के जप के नियम !!!गायत्री परब्रह्म की पराशक्ति है जो सम्पूर्ण जगत के प्राणों की रक्षा तथा पालन करती है । सृष्टिकर्ता ब्रह्मा से लेकर आधुनिक काल तक ऋषि-मुनियों, साधु-महात्माओं और

हमारे ऋषि मुनि और उनके द्वारा किए गए अविष्कार भारत की धरती को ऋषि, मुनि, सिद्ध और देवताओं की भूमि पुकारा जाता है। यह कई तरह के विलक्षण ज्ञान व चमत्कारों से अटी पड़ी है। सनातन धर्म वेद को मानता है

|| शिव की मानस पूजा ||-----1. शिव पूजन विधि मन से कल्पित सामग्री द्वारा की जाने वाली पूजा को ही मानस पूजा कहा जाता है | इस पूजा को ब्र्ह्म पूजा से शास्त्रो मई हज़ार गुना मह्त्वपूर्ण बताया गया है

महाभारत के मुख्य पात्र शकुनि की कथागांधारी के भाई और दुर्योधन के मामा शकुनि को कौन नहीं जानता? महाभारत में शकुनि का किरदार अहम रहा है। कहते हैं कि बुद्धिबल, शस्त्रबल से भी ज्यादा खतरनाक होता है। महाभा

चप्पल बाहर क्यों    उतारते हैंमंदिर में प्रवेश नंगे पैर ही करना पड़ता है, यह नियम दुनिया के हर हिंदू मंदिर में है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि मंदिर की फर्शों का निर्माण पुराने सम

विजया एकादशी व्रत कथा : (जो स्त्री पुरुष इस एकादशी की कथा को पढ़ते या सुनते हैं, उनको वाजपेय यज्ञ का फल प्राप्त होता है)युधिष्ठिर ने पूछा: हे वासुदेव! फाल्गुन के कृष्णपक्ष में किस नाम की एकादशी

हिंदू धर्म में क्यों है एकादशी का इतना महत्वएकदशी के व्रत की महिमा बहुत निराली है। यह व्रत करने नष्ट होते हैं सारे बुरे कर्म नष्ट हो जाते हैं। यहां तक की पिछले जन्म के पाप कर्मों से भी मुक्ति मिलती है

एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यो...?एकादशी को चावल क्यो नही खाना चाहिए वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से रोचक तथ्य...?एकादशी की एक घटना? ऐसा माना गया है कि यह घटना एकादशी को घटी थी। यह जौ और चावल

कथा सूर्य नारायण कीपुराणों के अनुसार कश्यप ने अपनी पत्नी अदिति के गर्भ से 12 आदित्यों को जन्म दिया जिनमें भगवान नारायण का वामन अवतार भी शामिल था। ये 12 पुत्र इस प्रकार थे-1वि-वस्वान (सूर्य)2-अर्य

मणिकूट पर्वत यात्रा - हमारी विरासत            भारत की पहचान उसके मुकुट हिमालय से भी होती है और हिमालय उत्तराखंड के हिस्से में आता है । उसमें भी अधिकांश गढ़वाल मंडल के क्ष

भोजन सम्बन्धी कुछ नियम1. पांच अंगो (दो हाथ, दो पैर, मुख) को अच्छी तरह से धो कर ही भोजन करे !2. गीले पैरों खाने से आयु में वृद्धि होती है !3. प्रातः और सायं ही भोजन का विधान है ! पूर्व और उत्तर दिशा की

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