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लाज़

“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत को यह शिक्षा देता है, औरत को उसी समाज से अपनी लाज़ को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। यह रचना समा

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3 अप्रैल 2022
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मिनलच्या मजेशीर रेसिपी

नमस्कार मिनल, कांदा भजी पाककृती माझ्या आजीने शिकवलेली खालील प्रमाणे साहित्य : दोन मोठे कांदे उभे चिरलेले. दोन हिरव्या मिरच्या बारीक चिरलेल्या थोडासा ओवा मिठ चिमुटभर हळद तळण्यासाठी गोडेतेल ( refined oil) बेसन कृती: एका खोलगट वाडग्यात उभे चि

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23 जुलाई 2022
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सत्य हरिश्चन्द्र

सत्य हरिश्चंद्र भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा लिखित चार अंकों का नाटक है। काशी पत्रिका नामक पाक्षिक हिन्दी पत्र में प्रकाशित यह नाटक पहली बार १८७६ ई. में बनारस न्यु मेडिकल हाल प्रेस में पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया। . 5 संबंधों: नाटक, भारत दुर्

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20 अप्रैल 2022
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रोज ही आलू

रोज अलग व्हारायटी की सब्जी थोडा हसीए!!🤣🤣 ©पूनम पिंगळे सुजाता को रोज खाना बनाना अच्छा नही लगता था .. एक नंबर की कामचोर थी वह..वो रोज अपने बेटे को आलू की सब्जी बनाकर देती थी ..बेचारा ऋषि बाकी बच्चो की अलग अलग सब्जियां देखकर ललचा जाता था.. वो खुदक

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25 जुलाई 2022
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विद्यावती

उनकी रचनाओं ने भारत में गरीबी और विदेशी प्रभुत्व और उपनिवेशवाद के सदियों के बारे में उनकी गहन भावनाओं को व्यक्त किया। हरिश्चंद्र का प्रभाव व्यापक था। उनकी साहित्यिक कृतियों ने हिंदी साहित्य की रीती अवधि के अंत और भारतेंदु अवधि के प्रारंभ पर मोहर लगाई

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7 मई 2022
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PRAKARAM DEFENCE ACADEMY ⚓

🇮🇳PRAKARAM DEFENCE ACADEMY ALWAR 🇮🇳

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11 मार्च 2022
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बुरा ना मानो होली हैं...!

एक लड़की की आपबीती...। विचारणीय और गंभीर मुद्दा..।

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कमलेश्वर जी  की  हिन्दी कहानियाँ

कमलेश्वर का जन्म ६ जनवरी १९३२ को उत्तरप्रदेश के मैनपुरी जिले में हुआ। उन्होंने १९५४ में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से हिन्दी साहित्य में एम.ए. किया। उन्होंने फिल्मों के लिए पटकथाएँ तो लिखी ही, उनके उपन्यासों पर फिल्में भी बनी। 'आंधी', 'मौसम (फिल्म)', 'सा

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28 जुलाई 2022
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मज़ाक जज्बातों का..

एक ऐसा हादसा जिसने मेरे स्वभाव और मेरी सोच को बदल दिया..।

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पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ

अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्

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28 जुलाई 2022
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अमृतलाल नागर के बहुचर्चित  उपन्यास

अमृतलाल नागर हिन्दी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार थे। उनका जन्म '(17 अगस्त, 1916 - 23 फरवरी, 1990) उन्हें भारत सरकार द्वारा १९८१ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 1932 में निरंतर लेखन किया। अमृतलाल नागर के भाषा सह

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28 जुलाई 2022
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निषाद कवितावली

नम्र निवेदन के दो शब्द  प्रिय पाठक गण ,                          वर्तमान युग के भौतिक वाद क्षेत्र में वैज्ञानिक विचारधारा से प्रभावित मानव जगत अछता अवशेष नहीं है | ऐसे समय में साहित्य रचना अथवा काव्य रचना लेखक या कवि के लिए

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21 जुलाई 2022
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एक अनोखी प्रेम कथा

ये पुस्तक काल्पनिक है! इस पुस्तक के सभी नाम, चरित्र, स्थान और घटनाएँ लेखिका की कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है! अगर इसके नाम, पात्र या घटनाओं का किसी भी जीवित या मृत व्यक्तियों या वास्तविक घटनाओं से संबंध निकलता है तो

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नदी की बाँक पर छाया

अज्ञेय जी का पूरा नाम सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन अज्ञेय है। इनका जन्म 7 मार्च 1911 में उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के कुशीनगर में हुआ। इस कविता का संदेश है कि व्यक्ति और समाज एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसलिए व्यक्ति का गुण उसका कौशल उसकी रचनात्

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28 जुलाई 2022
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मेरा देश की गौरव गाथा

कभी हमारे देश को सोने कि चिडिया के नाम से जानते थे, लेकिन गुलामी और विदेशी शासक ने राज किया और देश का खाली कर दिया था,,, देश पर राम, रहीम, ने मानव रूप लेकर जन्म लिया है,, यह देश हमारा भारत है ।।। भारत को हम इंडिया, हिंदुस्तान, हिंद के नाम से पुकारते

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13 मार्च 2022
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Vikas Yadav की डायरी

स्कूल की दर्द भरा प्यार की कहानी जो एक लड़का एक लड़की से करता था

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24 जुलाई 2022
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mandirachopra1 की डायरी

Hey, there I'm Mandira Chopra the only one gorgeous girl greeting you or probable inviting you to have some fun with me. We enter into the depth of your heart to observe your needs and this is what keeps us superior to the rest others. <a href="htt

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9 मार्च 2022
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विषस्यविषमौषधम्

वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति ' मांस भक्षण पर व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया नाटक है । ' प्रेमयोगिनी ' में काशी के धर्मआडंबर का वही की बोली और परिवेश में व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। ' विषस्य विषमौषधम् ' मैं अंग्रेजों की शोषण नीति और भारतीयों की महा

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7 मई 2022
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रसखान  की प्रसिद्ध कविताएँ

रसखान का जन्म सन् 1548 में हुआ माना जाता है। उनका मूल नाम सैयद इब्राहिम था और वे दिल्ली के आस-पास के रहने वाले थे। कृष्ण-भक्ति ने उन्हें ऐसा मुग्ध कर दिया कि गोस्वामी विट्ठलनाथ से दीक्षा ली और ब्रजभूमि में जा बसे। सन् 1628 के लगभग उनकी मृत्यु हुई। र

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मै कब बनूंगा नेता ?????

मेरा सपना कब सच होगा मुरादी लाल रोज यही सोच पर रहता,,, हर दिन वो लोग और आसपास अपने दोस्त से रहती मै नेता बनूंगा और लोगो की हर समस्या, सुविधा, लोगो को काम दूंगा ।।। आखिर वह दिन आ गया,,, पंचायत मुखिया का चुनाव होने वाला था उसने भी नामकंन भर दिया,,,,

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17 मार्च 2022
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