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नीरजा

‘नीरजा’ में बिलकुल परिपक्व भाषा में एक समर्थ कवि बड़े अधिकार के साथ और बड़े सहज भाव से अपनी बात कहता है। महादेवी जी के अनुसार ‘नीरजा’ में जाकर गीति का तत्त्व आ गया मुझमें और मैंने मानों दिशा भी पा ली है।’’ प्रस्तुत गीत-काव्य ‘नीरजा’ में ‘निहार’ का उप

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20 अध्याय
24 जुलाई 2022
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स्वर्णधूलि

सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं - छायावादी काव्य की सम्पूर्ण कोमलता और कमनीयता इनके काव्य में साकार हो उठी है। प्रकृति के हरे-भरे वातावरण में बैठकर जब ये कल्पना लोक में खो जाते थे तो प्रकृति की सुन्दरता का सृजन स्वयं ही मूर्त हो उठता औ

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1 अगस्त 2022
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पल्लविनी

पल्लव सुमित्रानंदन पंत का तीसरा कविता संग्रह है जो 1928 में प्रकाशित हुआ था। यह हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रारंभ का समय था और इसकी लगभग सभी कविताएँ प्रकृति के प्रति प्रेम में डूबी हुई हैं। माना जाता है कि पल्लव में सुमित्रानंदन पंत की सबसे

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60 अध्याय
1 अगस्त 2022
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हिंदी भाषा

हिंदी दिवस विशेष

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8 नवम्बर 2022
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वैदेही वनवास

यह उनकी विशेषता है कि उन्होंने कृष्ण-राधा, राम-सीता से संबंधित विषयों के साथ-साथ आधुनिक समस्याओं को भी लिया है और उन पर नवीन ढंग से अपने विचार प्रस्तुत किए हैं। प्राचीन और आधुनिक भावों के मिश्रण से उनके काव्य में एक अद्भुत चमत्कार उत्पन्न हो गया है।

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15 जून 2022
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आत्मनिर्भर

खुद की खुद से पहचान करवाने के लिए एक छोटी सी पहल..।

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सबक़...इंसानियत का.. ☺

अपने जीवन में आए एक बदलाव को उजागर करता हैं मेरा ये छोटा सा लेख...।।

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जीवन की डोर

पति-पत्नी की कहानी

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16 अक्टूबर 2022
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कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो ।

कृष्ण को समझना है तो प्रेम करके तो देखो । विरह वेदना क्या होती है सह के दो तो देखो । प्रेम में मिलना सभी के लिए मुमकिन है, बिछड़ कर जीना क्या है कभी प्रेम करके तो देखो। प्रेम में वादे सभी करते हैं हमेशा, खामोशी में भी वियोग कितना है देखो। खत

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14 जनवरी 2022
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अजातशत्रु  (नाटक)

अजातशत्रु का मूलाधार भी अंतर्द्वन्द्व ही है। मगध,कोशल और कौशांबी में प्रज्वलित विरोध की अग्नि इस पूरे नाटक में फैली हुई है। उत्साह और शौर्य से परिपूर्ण इस नाटक में चरित्रों का सजीव चित्रण किया गया है। इसके प्रमुख पात्र मानवीय गुणों से ओतप्रोत है।

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गुंजन

गुंजन कवि सुमित्रानन्दन पंत का काव्य-संग्रह है। इसका प्रकाशन सन् 1932 में हुआ था। इसे कवि पंत ने अपने प्राणों का 'उन्मन-गुंजन' कहा है। यह संकलन 'वीणा' 'पल्लव' काल के बाद कवि के नये भावोदय की सूचना देती है। इसमें हम उसे मानव के कल्याण और मंगलाशा के न

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48 अध्याय
29 अप्रैल 2022
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खादी के फूल

सामाजिक-राजनैतिक कविताओं (बंगाल का काल, खादी के फूल, सूत की माला, धार के इधर-उधर, आरती और अंगारे, बुद्ध और नाचघर, त्रिभंगिमा, चार खेमे चौंसठ खूँटे, दो चट्टानें, जाल समेटा) तक आते-आते बच्चन का यह काव्य-नायक मनुष्य अपने व्यक्तित्व के रूपांतरण और समाजीक

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1 अगस्त 2022
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Imran Ansari की डायरी

इस दरगाह से सभी धर्मों के लोगों की आस्था जुड़ी हुई है। इसे सर्वधर्म सद्भाव की अदभुत मिसाल भी माना जाता है। ख्वाजा साहब की दरगाह में हर मजहब के लोग अपना मत्था टेकने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी ख्वाजा के दर पर आता है कभी भी खाली हाथ नहीं लौटता है,

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21 फरवरी 2022
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अनिल अनूप की डायरी

विविध विषयों पर आधारित संस्मरण डायरी के रूप में।

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9 अप्रैल 2022
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माहजविन की डायरी

मैं १ साधारन लढ़की पापा कि ननही कलि 🥀 चोते सहर मे रहने बाली.... 🙃❤️ रगं साबला परंतु दिल का साफ...❤️🥀

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22 फरवरी 2022
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दिल का खास एहसास - मेरी दैनंदिनी(डायरी)

हर रोज होनेवाली हर आम और खास घटनाओं को विवरण मेरे डायरी में आपको पढने को मिलेगा, थोडे आसूं, थोडे खुशी से सजे पन्ने पढने को मिलेगें ! थोडी मेरी कहानी, थोडी आसपास बितते लम्हें मिलने आऐंगे !

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13 अप्रैल 2022
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भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम

डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रारंभिक जीवन: अब्दुल कलाम जी का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वरम के तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। इनके पिता का नाम जैनलाब्दीन (Father's Name) था जो पेशे से नावों को किराये पर देने और बेचने का काम करते थे। कलाम ज

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19 अक्टूबर 2022
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