नई दिल्ली : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में आयोजित 14वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते हैं, खून का रिश्ता देखते हैं. यह एक ऐसा पर्व है जिसमें अपनों से मिलने का अवसर मिलता है. यह अपनों से मिलना अपने लिए नहीं सबके लिए होता है.उन्होंने कहा कि इतने लोगों का इस मौके पर आना गर्व की बात है. उन्होंने कहा 30 मिलियन भारतीय मूल के लोग विदेशों में रहते हैं. उन्होंने कहा कि केवल भारतीय संख्या के लिए नहीं जाने जाते हैं बल्कि जो उनका समाज और उस देश के लिए जो योगदान है, उसके लिए पहचाने जाते हैं.
मूल से रिश्ता जोड़ के रखा मोदी ने कहा कि वे लोग अपनी मेहनत, कानून पालन और शांति के स्वभाव के लिए इज्जत से नवाजे जाते हैं. उन्होंने कहा कि सभी प्रवासी की भले ही मंजिल अलग है लेकिन भीतर में एक ही भाव है वह है भारतीयता. प्रवासी भारतीय जहां रहे उस धरती को उन्होंने कर्मभूमि माना. जहां से आए उसे मर्मभूमि माना. पीएम मोदी ने कहा कि कर्मभूमि की सफलताओं के साथ मर्मभूमि में पधारे हैं. जहां रहे वहां का विकास किया और अपने मूल से रिश्ता जोड़ के रखा. उन्होंने कहा कि मेरे लिए और मेरी सरकार के लिए प्रवासी भारतीय लोग महत्वपूर्ण रहे हैं और हजारों लोगों से मेरी सीधी बात भी होती है. उन्होंने कहा कि 69 बिलियन डॉलर के निवेश के जरिए प्रवासी भारतीय ने देश के विकास में योगदान दिया है. वह देश के प्रगति में सहयात्री हैं. उन्होंने कहा कि पहले लोग ब्रेनड्रेन की चर्चा करते थे, तब मैं कहता था कि क्या बुद्धू लोग ही यहां बचे हैं. लेकिन आज ब्रेनड्रेन की चर्चा करते थे, लेकिन अब वर्तमान सरकार ब्रेनड्रेन को ब्रेनगेन में बदलेंगे. इसके लिए प्रवासी भारतीयों का सहयोग वांछित हैं.
प्रवासी भारतीय संस्थाओं को किया जायेगा सम्मानित : मोदी
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय कई क्षेत्रों में योगदान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कल राष्ट्रपति 30 से ज्यादा प्रवासी भारतीय संस्थाओं का सम्मान करेंगे. उन्होंने कहा कि हम अपने सभी सरकारी विभागों में बदलाव कर रहे हैं. सभी एंबेसी को आदेश दिया गया है कि भारतीय लोगों की जरूरतों पर पूरा ध्यान दिया जाए. उनकी हर प्रकार से जल्द से जल्द सहायता की जाए. इसे 24 घंटे हेल्पलाइन के जरिए मुहैया कराया जाए. विभिन्न माध्यमों से लोगों से मिला जाए.
हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते : मोदी
उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कर्नाटक सरकार का धन्यवाद भी किया. उन्होंने दूर-दूर लोग इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं. हजारों लोग डिजिटल माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि हम पासपोर्ट का रंग नहीं देखते हैं, खून का रिश्ता देखते हैं. उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की तारीफ कर कहा कि उन्होंने खुद कई लोगों की सीधे मदद की है. ट्विटर के जरिए भी. उन्होंने कहा कि हमने विदेशों में फंसे भारतीयों को मदद पहुंचाई है. 54 देशों से लोगों को जरूरत में वापस लाए हैं.