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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-03-29
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-02-20

Praveen की पुस्तकें

भक्त प्रह्लाद

भक्त प्रह्लाद

भक्त-जगत् में प्रह्लाद सर्वशिरोमणि माने जाते हैं। प्रह्लाद की भक्ति में कहीं भी कामना, भय और मोह को स्थान नहीं है, उनकी भक्ति सर्वथा विशुद्ध, अनन्य और परम आदर्श है। उन्हीं प्रह्लाद के चरित्र का इस पुस्तक में चित्रण किया है। आशा है भागवतरत्न प्रह्लाद

7 पाठक
6 रचनाएँ

निःशुल्क

भक्त प्रह्लाद

भक्त प्रह्लाद

भक्त-जगत् में प्रह्लाद सर्वशिरोमणि माने जाते हैं। प्रह्लाद की भक्ति में कहीं भी कामना, भय और मोह को स्थान नहीं है, उनकी भक्ति सर्वथा विशुद्ध, अनन्य और परम आदर्श है। उन्हीं प्रह्लाद के चरित्र का इस पुस्तक में चित्रण किया है। आशा है भागवतरत्न प्रह्लाद

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शिवाजी महाराज

शिवाजी महाराज

यह पुस्तक उस अपराजेय योद्धा, कुशल संगठक, नीति-निर्धारक व योजनाकार की गौरवगाथा है जो उनके गुणों को ग्राह्य करने के लिए प्रेरित करेगी। छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है

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शिवाजी महाराज

शिवाजी महाराज

यह पुस्तक उस अपराजेय योद्धा, कुशल संगठक, नीति-निर्धारक व योजनाकार की गौरवगाथा है जो उनके गुणों को ग्राह्य करने के लिए प्रेरित करेगी। छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है

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Praveen के लेख

भ्रातृ-वध से व्याकुलता

29 मार्च 2023
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[तपोभूमि की यात्रा]जब से हिरण्याक्ष को वाराह भगवान् ने मारा, तब से हिरण्यकश्यपु का चित्त कभी शान्त नहीं रहा। यद्यपि वह राजकाज करता था, खाता-पीता था और यथा-शक्ति सभी कार्य करता था, तथापि चिन्तितभाव से,

शिवाजी महाराज भाग— 4

23 मार्च 2023
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(शिवाजी महाराज एवं डेविड व गोलिएथ)फिलिस्तीन एवं इजराइल में युद्ध शुरू हो गया था। दोनों छावनियों के बीच एक खाई थी। फिलिस्तीन की सेना में एक सात फीट ऊँचा राक्षसी योद्धा था। वह लगातार चालीस दिनों से बख्त

भातृवध

21 मार्च 2023
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जिस समय सारे जगत् में तीनों लोक और चौदहों भुवन में देवताओं की तूती बोल रही थी, देवराज इन्द्र का आधिपत्य व्याप्त था और असुरों का आश्रयदाता कोई नहीं था उसी समय भगवान् की माया की प्रेरणा से देवराज इन्द्र

गर्भ और जन्म

21 मार्च 2023
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जिस समय महर्षि कश्यप की अदिति आदि अन्यान्य सभी धर्मपत्नियों में आदित्य आदि देवताओं की उत्पत्ति हो चुकी थी और उनके प्रताप से सारा जगत् उनका ही अनुचर हो रहा था, उस समय जैसा कि हम पहले कह आये हैं चाक्षुष

शिवाजी महाराज भाग —03

21 मार्च 2023
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[ शिवाजी महाराज का बचपन ] सन् 1626 में मलिकंबर की मृत्यु के बाद मुगलों ने लखोजी जाधवराव की मदद से निजामशाही से लड़ाई शुरू की, उसी समय जहांगीर बादशाह की मृत्यु हो गई जिससे शाहजहाँ को दिल्ली जाना पड़ा।

शिवाजी महाराज भाग —02

20 मार्च 2023
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पृष्ठभूमिप्राचीनकाल से हिंदुओं की पुरानी युद्ध-प्रणाली प्रचलित थी, जिसमें दोनों पक्षों के बीच में खंबे के रूप में एक चिन्ह रखा जाता था शंख, भेरी, आदि बजाकर युद्ध प्रारंभ किया जाता था। शत्रु को बिना इश

शिवाजी महाराज भाग —01

20 मार्च 2023
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छत्रपति शिवाजी महाराज अप्रतिम थे। उनका पराक्रम, कूटनीति, दूरदृष्टि, साहस व प्रजा के प्रति स्नेहभाव अद्वितीय है। सैन्य-प्रबंधन, रक्षा नीति, अर्थशास्त्र, विदेश नीति, वित्त, प्रबंधन —सभी क्षेत्रों में उन

उज्जयिनी (उज्जैन) नरेश चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य

19 मार्च 2023
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विक्रमादित्य का जन्म भगवान् शिव के वरदान से हुआ था। शिव ने उनका नामकरण जन्म से पहले ही कर दिया था, ऐसी मान्यता है। संभवतया इसी कारण विक्रम ने आजीवन अन्याय का पक्ष नहीं लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम

राजा भोज का गौरवशाली इतिहास

19 मार्च 2023
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राजा भोज, परमार वंश के नवे राजा थे परमार वंशीय राजाओं ने मालवा की राजधानी धारा नगरी (वर्तमान धार) पर आठवी शताब्दी से लेकर चौदहवी शताब्दी के पूर्वार्ध तक शासन किया। भोज परमार, जिनसे बड़ा राजपूत क्षत्रिय

संत नामदेव

17 मार्च 2023
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संत नामदेव का समय संवत् १३२७ वि० से संवत् १४०७ वि० है, इस पवित्र अवधि में उन्होंने दक्षिण और उत्तर भारत में संतमय की जिस प्रगाढ़ भगवद्भक्ति से परिपुष्टि की उसकी मौलिकता और अपूर्वता में तनिक भी संदेह नह

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