इस कहानी में पता चलेगा कि कैसे सात जन्मों की प्रेमी जोड़े कैसे इस जन्म में मिलते है और कैसे प्यार की एक मिसाल बनते है और प्रेम करना सीखते है ऐसी जोड़ी को दिल से सलाम करता हूं और सभी प्रेमी प्रेमिका को यह कहानी पढ़ने के लिए अनुरोध करता हूं ।
कविता संग्रह
यह किताब मेरी कविताओं का एक संकलन है जो मैं लिखता रहता हूँ, आशा है कि आप सभी का स्नेह मिला तो अवश्य ही इसका दूसरा एडिशन भी जल्द ही प्रस्तुत करूँगा !
यह एक प्रेम कहानी है माहिर और मीरा की दोनो कॉलेज में मिलते है दोस्त बनते है प्यार होता है लेकिन शादी नही क्योंकि माहिर एक गरीब परिवार से हैं और मीरा अमीर और मीरा के पापा उसकी शादी किसी और से करवाना चाहते है मीरा अपने पिता के खिलाफ नही जाती और उसकी शा
इस किताब में सामाजिक, पारिवारिक, रोमांटिक, आपराधिक और भी विषयों से संबंधित कुछ कहानियां हैं । ये कहानियां हमारे समाथ का ही आईना हैं । इन कहानियों को रोचक बनाने का पूरा प्रयास किया गया है । उम्मीद है कि ये कहानियां आपको अवश्य पसंद आयेंगी ।
कहते हैं सच्चा प्यार कभी पुरा नही होता.... शायद सच ही कहते हैं... और ये मुझे तब समझ आया जब मुझे भी प्यार हुआ...। कहते हैं ना प्यार किसका पूरा होता हैं... प्यार का पहला अक्षर ही अधुरा होता हैं....। प्यार एक अलग ही एहसास होता हैं... जिंदगी में हमें ब
एक लड़की जो अपने स्वर्गवासी प्रेमी का इंतजार कर रही है, श्रेया हमेशा उदास रहती है क्योंकि कुछ महीने पहले ही उसका मंगेतर रितेश एक एक्सीडेंट में मारा गया था,वह दोनो एक साथ मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई किए और एक साथ ही एक ही हॉस्पिटल में ज्वाइन भी किया था ,
सही और गलत सोच का फेर ही तो है जो दिल को सही लगे वही सही होता है क्योंकि उसे करने से पहले ज्यादा कुछ सोचना नहीं पड़ता पर जहां सोच गहरी हो जाये वहां कुछ सही तो क्या कुछ होने के चांस भी खत्म हो जाते हैं क्योंकि वक्त किसी के लिये नहीं रूकता और वक्
यह एक कविता संग्रह है। इसमें मेरी सत्तर कविताएं संकलित हैं। यह बोधि प्रकाशन के दीपक अरोड़ा स्मृति सम्मान के तहत आयोजित प्रतियोगिता में चयनित होकर प्रकाशित हुई पुस्तक है।
इस पुस्तक में वर्तमान में चल रहे लोगों के चरित्र के विषय में वर्णन किया है जिसमें आज के लोग प्रेम में धोखा देकर किसी भी लड़की के चरित्र पर दाग लगाने की कोशिश करते हैं। इस धोखे के कारण इस समय बहुत ही लड़कियों की जिंदगी बर्बाद हो रही है। ।
रिवांश की वाइफ अपूर्वा उसके ठीक सामने बैठी थी और अपने स्कूल के बच्चों की रिजल्ट्स तैयार कर रही थी । वहीं रिवांश फोन चला रहा था और बीच - बीच में अपूर्वा को देख भी रहा था । आज उसका मन बिल्कुल भी नहीं लग रहा था , उसे आज बार - बार पहली वाली अपूर्वा की
यह किताब लेखक की पहली प्रेम कहानी पर आधारित है , जब लेखक दसवी कक्षा में था । वह नायिका से अपने प्रेम का इजहार करना तो चाहता है , लेकिन कभी कहने की हिम्मत नही जुटा पाता। सही मायने में तो लेखक को प्रेम समझ ही नही आता है कि वह नायिका से प्रेम करता है ,
श्रद्धा जैसी हैवानियत के दर्द हर व्यक्ति की जिंदगी के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। इस वक्त मनुष्य की जिंदगी में लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है। जिस प्यार को कई हजारों सालों से एक रिश्ते के तौर पर देखा जाता था । आज के मानव ने उसे दरिंदगी का रूप
मेरे लिए अत्यंत हर्ष की बात है कि मेरा रोमांटिक काव्य संग्रह "अगर तेरा साथ हो " शब्द डॉट इन प्रशासन के माध्यम से प्रकाशित होकर आपके हाथों में है l इसके लिए मैं अंतर मन से प्रभु द्वारिकाधीश का कोटि-कोटि नमन करता हूं, साथ ही मेरे माता -पिता, भाई-बंधु,