![Geeta Sharma](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fusers%2FGeetaSharma_627a540b053b3705786744e6_1659170253668.jpg&w=384&q=75)
Geeta Sharma
गीता शर्मा एक स्वतंत्र पत्रकार है, पिछले 20 साल से वो पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं, वो देश के कई हिंदी न्यूज चैनल में एकंर के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने दिल्ली, हरियाणा के प्रसिद्ध चैनल टोटल टीवी, नेशनल न्यूज चैनल जैन टीवी और सीएनबीसी में बतौर एंकर, पत्रकार काम किया है। हिंदी पत्रकारिता के साथ वो कहानी लेखन के क्षेत्र में काफी सक्रीय हैं। उनकी कई लघु कथाएं सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। पत्रकार और लेखिका होने के साथ ही वो एक सफल लाइव स्ट्रीमिंग कंपनी की सीएओ भी है। दिल्ली विश्वविद्यालय के जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने न्यू दिल्ली वाईएमसीए इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया स्टडीज़ एंड इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी से पत्रकारिता में डिप्लोमा किया। खबरों की भाग दौड़ के बीच सूकून के कुछ पल कहानियां लिखकर गुजारे जो धीरे-धीरे सोशल मीडिया के जरीये सब तक पहुंचे। पाठकों से मिले प्यार को और बढ़ाने के इरादे से उन्होंने अपनी कहानियों को प्रकाशित करने का फैसला किया। ‘वायरल आशिक’ उपन्यास के अलावा कहानी संग्रह ‘खुली आंखों वाले सपने, ‘एक कतरा जिंदगी का’ और ‘शर्त ये है कि जिदंगी मिल जाये’ उनकी चर्चित किताबें हैं।
![वायरल आशिक](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fviral-aashik_GeetaSharma_1655707694434.jpg&w=384&q=75)
वायरल आशिक
हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य
![वायरल आशिक](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fviral-aashik_GeetaSharma_1655707694434.jpg&w=256&q=75)
वायरल आशिक
हर बार कहती है क्यों नहीं? तुम इस बार भी क्यों नहीं? अंधेरे से जो बिखरे हैं रोशनी का निशान क्यों नहीं? रातों की खामोशी को सुनने की मजबूरी चिड़ियों की आवाजों की छन छन क्यों नही? वक्त ने बांधी है मेरे दिल की उड़ान भी इस वक्त से लड़ने की ताकत क्य
![खुली आंखों वाले सपने](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fkhuli-aankhon-wale-sapne_GeetaSharma_1662658032823.jpg&w=384&q=75)
खुली आंखों वाले सपने
“खुली आंखों वाले सपने’ गीता शर्मा की चार कहानियों का संग्रह है। चारों कहानियां जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं को छूती हुई जिदंगी जीने का नया अंदाज सिखाती हैं। कहीं प्रेम में समर्पण है तो कहीं सच्ची दोस्ती की पहचान कराते किस्से, कहीं रिश्तों की मासूमियत
![खुली आंखों वाले सपने](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fkhuli-aankhon-wale-sapne_GeetaSharma_1662658032823.jpg&w=256&q=75)
खुली आंखों वाले सपने
“खुली आंखों वाले सपने’ गीता शर्मा की चार कहानियों का संग्रह है। चारों कहानियां जिंदगी के अलग-अलग पहलुओं को छूती हुई जिदंगी जीने का नया अंदाज सिखाती हैं। कहीं प्रेम में समर्पण है तो कहीं सच्ची दोस्ती की पहचान कराते किस्से, कहीं रिश्तों की मासूमियत
![तलाश में हूं खुद की](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Ftalash-men-hun-khud-ki_GeetaSharma_1665419376435.jpg&w=384&q=75)
तलाश में हूं खुद की
अपनी तलाश की है कभी, कभी खुद को ढूंढने निकले हैं, फुर्सत के लम्हों में कभी खुद से बात की है, कभी जाना क्या चाहता है दिल, हालातों में गुम होने पर तन्हाई की रात में खुद से टकराएं हैं कभी, कभी चलते चलते यूं ही रुक कर पीछे मुड़कर देखा है, सोचा कहां छोड़
![तलाश में हूं खुद की](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Ftalash-men-hun-khud-ki_GeetaSharma_1665419376435.jpg&w=256&q=75)
तलाश में हूं खुद की
अपनी तलाश की है कभी, कभी खुद को ढूंढने निकले हैं, फुर्सत के लम्हों में कभी खुद से बात की है, कभी जाना क्या चाहता है दिल, हालातों में गुम होने पर तन्हाई की रात में खुद से टकराएं हैं कभी, कभी चलते चलते यूं ही रुक कर पीछे मुड़कर देखा है, सोचा कहां छोड़
![शर्त ये है कि जिंदगी मिल जाये...](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fshart-ye-hai-ki-jindagi-mil-jaye--_GeetaSharma_1655707831245.jpg&w=384&q=75)
शर्त ये है कि जिंदगी मिल जाये...
सही और गलत सोच का फेर ही तो है जो दिल को सही लगे वही सही होता है क्योंकि उसे करने से पहले ज्यादा कुछ सोचना नहीं पड़ता पर जहां सोच गहरी हो जाये वहां कुछ सही तो क्या कुछ होने के चांस भी खत्म हो जाते हैं क्योंकि वक्त किसी के लिये नहीं रूकता और वक्
![शर्त ये है कि जिंदगी मिल जाये...](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fshart-ye-hai-ki-jindagi-mil-jaye--_GeetaSharma_1655707831245.jpg&w=256&q=75)
शर्त ये है कि जिंदगी मिल जाये...
सही और गलत सोच का फेर ही तो है जो दिल को सही लगे वही सही होता है क्योंकि उसे करने से पहले ज्यादा कुछ सोचना नहीं पड़ता पर जहां सोच गहरी हो जाये वहां कुछ सही तो क्या कुछ होने के चांस भी खत्म हो जाते हैं क्योंकि वक्त किसी के लिये नहीं रूकता और वक्
![एक कतरा जिंदगी का....](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fek-katra-jindagi-ka--_GeetaSharma_1655707715876.jpg&w=384&q=75)
एक कतरा जिंदगी का....
उलझनें रिश्तों को कमजोर कर देती हैं लेकिन ये होती क्यों है इस पर गौर करें तो बात एक दूसरे को समझने और अपनी बात समझाने पर आकर रूक जाती है,,, अच्छे खासे रिश्ते एक छोटी सी गलतफहमी पर टूट जाते हैं टूटने और बिखरने का सफर इतना दर्दनाक होता है कि कई बार
![एक कतरा जिंदगी का....](/_next/image?url=https%3A%2F%2Fshabd.s3.us-east-2.amazonaws.com%2Fbooks%2Fek-katra-jindagi-ka--_GeetaSharma_1655707715876.jpg&w=256&q=75)
एक कतरा जिंदगी का....
उलझनें रिश्तों को कमजोर कर देती हैं लेकिन ये होती क्यों है इस पर गौर करें तो बात एक दूसरे को समझने और अपनी बात समझाने पर आकर रूक जाती है,,, अच्छे खासे रिश्ते एक छोटी सी गलतफहमी पर टूट जाते हैं टूटने और बिखरने का सफर इतना दर्दनाक होता है कि कई बार