1 सितम्बर 2024
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सपनें जो मुझे सोने नहीं देते!!D
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरणबीते तक़रीबन एक साल से मैंने कुछ नहीं लिखा!इसका ये मतलब तो कतई नहीं है कि आप मेरे मन
प्रिय प्रेम(शर्माजी) सप्रेम चरण स्पर्श!चरण स्पर्श से ये न समझ लिजियेगा कि मैं आपको प्रेमपूर्ण यातनाएं दे रही हूं!बस आज
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण मधुर प्रेम की झांकियां मानस पटल पर विचरती आंखों में सावन उतार देती है!भ
प्रिय प्रेम (शर्माजी) &nbs
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण आपकी याद भी ना!बिल्कुल बचपन के उस पुराने घर के जैसी है जहां इंसान तब लौ
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण यादों की नैय्या से उतरकर मन,आपके दिल के दहलीज पर दस्तक दे चुका है!हो सके तो इ
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण जैसे कि ये दुनियां गोल है न !वैसे ही आपकी याद भी ना,दिल में गोल हो गई है, मैं
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण स्मरण से एक स्मरण याद आ गया कि जीवनरूपी चलंत चित्र में मात्र कठपु
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण आपके साथ बिताए ज़िंदगी के चंद लम्हें, ज़िंदगी की सबसे लंबी किताब है!उन
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण हाल लिखने के सफ़र में इतना व्यस्त रहे कि भूल गए कि प्रेम में ठुकराएं लोग कहीं
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण आज आपकी याद,ख्यालों से उतर भावों में मिल, ऐसी खुमारी चाहता है कि इश्क़
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण प्रेम हमेशा से ही स्मरणता के शिखर पर पहुंच प्रखर हो पाता है शायद ये ही प्रेम
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण!ज़िंदगी के साक्षात्कार में, सारे जटिल प्रश्न विधाता के हाथ में और तोड़ मरोड़
प्रिय प्रेम (शर्माजी) सप्रेम स्मरण 'प्रेम' विचारों की अनिशा में प्रेम विराजता है और प्रतीक्षा में प्रेम प्रगाढ़त