नई दिल्ली : पंजाब की जनता का अभी भी कांग्रेस पार्टी से मोहभंग नहीं हुआ है. नशे को राज्य में जड़ से समाप्त करने की बात कहकर आम आदमी पार्टी दूसरे स्थान पर है. जबकि शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी का गठबंधन तीसरे पायदान पर है. ये समीकरण 'टीवी टुडे' के पंजाब राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कराये गए सर्वे में सामने निकल कर आयी है.
33 फीसदी वोट लेकर कांग्रेस नंबर वन
इस सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक वोट शेयर की अगर बात करें तो ओपिनियन पोल के नतीजों में कांग्रेस को सबसे ज्यादा फायदा होता हुआ दिख रहा है. कांग्रेस को 33 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं. वहीं दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी दिख रही है. उसके पक्ष में 30 फीसदी वोट आते दिख रहे हैं. इसी तरह शिरोमणी अकाली दल-बीजेपी गठबंधन के पक्ष में 22 फीसदी वोट जाते दिख रहे हैं.
नशाखोरी के लिए बादल सरकार जिम्मेदार
नशाखोरी के मुद्दे पर राज्य के 76 फीसदी लोगों ने अपनी हामी जरूर भरी है. लेकिन 12 फीसदी लोगों का मानना है कि नशाखोरी का मुद्दा सबसे बड़ा नहीं है. 80 फीसदी लोगों ने नशाखोरी के लिए बादल सरकार को जिम्मेदार माना. दलित-अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ा क्या? इस सवाल पर 34 फीसदी लोगों ने अपनी हामी भरी है.
बेस्ट मॉडल नही है 'आप' की सरकार
आम आदमी पार्टी की संभावनाओं को लेकर भी लोगों से सवाल पूछे गए. बागी सांसदों से आप को नुकसान पहुंचा है क्या? इस सवाल पर 21 फीसदी वोटरों ने अपनी हामी भरी है. वहीं 22 फीसदी लोगों ने कहा- नहीं. लोगों से जब ये पूछा गया कि क्या आम आदमी पार्टी दिल्ली की अपनी सरकार को बेस्ट मॉडल गर्वनेंस के रूप में पेश कर सकती है क्या ? तो इसपर केवल 36 फीसदी लोगों ने कहा- हां. वहीं 18 फीसदी लोगों ने दिल्ली में चल रही सरकार को बेस्ट मॉडल नहीं माना.
कौन-कौन सी पार्टियां दौड़ में
पंजाब में विधानसभा की 117 सीटें हैं. यहां हर बार मुकाबला मुख्य रूप से शिरोमणी अकाली दल-बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के बीच ही माना जाता है लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी पंजाब में सक्रिय है और चुनावी सर्वे के आधार पर अपनी जीत के दावे भी कर रही है. पिछले लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को पंजाब से ही चार सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, नवजोत सिंह सिद्धू अब बीजेपी में नहीं हैं और आवाज-ए-पंजाब नाम से अपना अलग मोर्चा बना चुके हैं. अटकलें हैं कि वे कांग्रेस के साथ जुड़ सकते हैं.
क्या रहा था पिछले चुनावों का नतीजा ?
2012 के विधानसभा चुनावों में शिरोमणी अकाली दल और बीजेपी गठबंधन ने जीत हासिल की थी. 60 सीटों पर अकाली दल जबकि 12 सीटों पर सहयोगी बीजेपी को जीत मिली थी. वहीं कांग्रेस के खाते में 42 सीटें आई थीं.