वायनाड़ : केरल के प्रेमी जोड़े ने पांच साल पहले प्रेम विवाह करने के बाद समुदाय के लोगों ने बहिष्कार कर दिया था अपनी अग्निपरीक्षा को समाप्त करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग की हैं.
यहां स्थित पहाड़ी वायनाड जिले में 23 साल की सुकन्या ने यह अर्जी प्रधानमंत्री कर्यालय को भजी थी उसने बताया कि उसे और उसके पती को साल 2012 में शादी करने के बाद समुदाय के साथ विश्वासघात करने के आरोप में समाज से बहिष्कृत कर दिया गया.
पीएमओ ने दिए जांच के निर्देश
सुकन्या ने कहा, ‘‘हमारे समुदाय ने पर्ची छपवाकर हमें विश्वासघाती बताया है.’’ दूसरी ओर अधिकारियों ने बताया कि इस मामले पर पीएमओ ने केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के शिकायत प्रकोष्ठ और सामाजिक न्याय विभाग को जबाव तलब किया हैं. केरल के प्रमुख सचीव के निर्देश पर मननथावडी पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
पांच साल पहले हुआ था प्यार
अरुण (27) और सुकन्या यादव समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी मुसीबत तब शुरू हुई जब पांच साल पहले उन्हें प्यार हो गया और उन्होंने शादी करने का फैसला किया.
समाज ने बाहर निकाल दिया
सुकन्या ने कहा, ‘‘हमें समाज से बहिष्कृत कर दिया गया क्योंकि हमारा प्रेम विवाह हुआ। हमारी मंदिर में शादी हुई और हमारी शादी का पंजीकरण हुआ। स्थानीय समुदाय के प्रमुख के अनुसार शादी परंपराओं के अनुसार नहीं है।’’
दंपति की दो साल की एक बेटी है. बहिष्कृत किए जाने की वजह से वे अपने परिवार के सदस्यों से मिल नहीं सकते हैं, विवाह या अंत्येष्टि जैसे परिवार के किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं.