उसकी और मेरी कहानी की सुरवात यू हुई कि क्या कहु
पहली बार बात हुई हमारी एक worng cal se कुछ दिनों
पहले मेरे phone से उसको cal किया था किसीने तो
मेरे पास number था बचपन मे बहुत सरारत आता है मैं
भी उसके साथ लुका छिपी खेल रही थी मैं उसे बहुत
पसन्द करती थी मगर ये प्यार का रूप लेगा पता नही था
फिर धिरे धिरे बात होते गया वो उसे पता चला कि मैं हु
हम दोनो अच्छा दोस्त बन गए फिर धिरे धिरे बात बढ़ते गया पहले पहले 1 min बात हुआ करती थी फिर घंटो बात होने लगी फिर बात करते करते दुनिया भूलने लगे क्या बताऊ उससे मिलने के लिए कितने बहाने आने लगे फिर ज़िंदगी मे कुछ बदलाव आने लगे मुझे काम के लिए कहि बाहर जाना पड़ गया वो अपने ही घर मे था वो अपने काम मे बहुत ही ब्यस्त हो गया और मैं भी हमारी जहाँ बाते घंटो करते वहाँ अब बहुत कम हो गयी थी धीरे धिरे तो यहां तक 1 हप्ता 1 महीना 1साल तक बात नही होती गईं वो मुझे भूल गया मैं भी हा मगर दिल में मेरे आज भी उसके लिए बहुत प्यार है उसकी राह आज भी देखती हूं उसका वो लौट आए कभी सोचती रहती हूं कुछ इस तरह का था मेरा प्यार जो अदूरा रह गया