ज़िन्दगी के सफर में निकले थे हम बिन मंजिलो का
पता लिए बस ख्वाब बड़े बड़े लिए
एक मोड़ पे तुम मिल गए दिल को मेरा कोई साथी
ऐसा मिला जो हमसफ़र बन ज़िन्दगी भर का साथ
देने वाला था
मुझे प्यार में कुछ नही चाहिए थे एक बात सच सच कहु
तो प्यार पे मुझे बिस्वास नही था मगर उसे मिलनेके
बाद जाने कौन सी जादू चल गई कि हम उसके ही पीछे
चलते गए ना पता चला
कब प्यार में पड़ गए और दिल उसका दीवाना हो गया
हर पल हर वक्त चेहरे उनका आखो के सामने आता रहता
दिल का चैंन और सुकून बनता गया