आज भी तेरी ही राह तकती हु
ना जाने क्यों लौट नही आओगे
जानता है दिल फिर भी उम्मीद करते
रहता है तेरी ही
वो दिन वो बाते अब ना रही फिर भी
उसी दिन का इंतजार करते रहता
खामोश रहता है दिल फिर भी ये उसके
नाम का सोर करते रहता
आँखे ये उनकी ही दीदार को तरसता रहता
इन्ही आखो में आंसू दिया तो था
चाहता हैं बहुत आपको आप समझते क्यों नही
दूर दूर इतना क्यों चले गए हो
हम ने आपके लिए ही तो छोड़ा सब कुछ