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रचनाओं का संसार

22 अक्टूबर 2021

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कमाई का कुछ अंशदान किया करिए,

जो अगले जन्म में अपने काम आए।

पूरा धन कभी न खर्चा करना अपना,

जीवन में जितना भी पाले हो सपना।।

कब कब किस पर कठिनाई आएगी,

बताकर वह कभी भी नहीं जाएगी।

वह सबको  सीख सिखा कर जाती,

पिछले बिगड़े काम को बनाने आती।।

समय किसी का सदा एक सा नहीं रहता,

हमेशा परिवर्तन कर बदलता रहता।

अपने और पराए को समझा जाता,

बादली समय में धैर्य ही काम आता।।

मानव जिस पेड़ को स्वयं लगाता है,

वह उसी के पेड़ को काटना नहीं चाहता।

परिवर्तन कहर बरसाने जब आ जाता,

उसी दरख़्त को काटकर वह ताप जाता।

- सुख मंगल सिंह


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रचनाएं बहुत सारी लिखी गई हैं। आगे भी लिखी जाएंगी। कुछ छंद बद्ध,कुछ मुक्त छंद,तुकांत कविता,अतुकान्त कविता अलग अलग छंदों, मुक्त छंद की रचनाओं का प्रकाशन किया जाएगा।

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