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रहस्य तस्वीर का 10

14 दिसम्बर 2021

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पिछले भाग में आपने पढ़ा प्रिंटिंग में हुई गड़बड़ को लेकर अभी तक रचित को कोई सुराग नहीं मिला था कि तभी मॉडल शिखा भी गायब हो गई। सुमन एक पार्टी में हैं और उसने वैसी ही ड्रेस पहनी हैं जैसी की मॉडल शिखा की ड्रेस के अनुमान लगाए जा रहे है। चित्रा भी रचित के साथ इस केस की जांच में लगी हुई है। शालिनी बुटीक से विशाल उस ड्रेस की नकल ले कर आ जाता ड्रेस देखते ही चित्रा को लगता हैं उसने इस ड्रेस को देखा हैं 
अब आगे
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"ये शिखा की कॉल डिटेल्स हैं। कल शाम तक उसकी लोकेशन ट्रेक कर ली हैं फोन की लास्ट लोकेशन साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन के पास की हैं ।उसके बाद उसकी लोकेशन ट्रेक नहीं हो पाई हैं " अमन ने फाइल रचित की मेज पर रखते हुए कहा
"वेरी गुड और वो लास्ट कॉल उसकी डिटेल" रचित ने फाइल पर नजर डालते हुए कहा
"वो नम्बर किसी सुन्दर कश्यप के नाम पर रजिस्टर्ड है,उसकी डिटेल भी मैंने निकलवा ली है ,किसी मॉल में काम करता हैं ,इसके नम्बर की लोकेशन और शिखा के नम्बर की लोकेशन एक ही समय पर साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन पर पाई गई हैं"अमन ने बताया
"यानी सुंदर ही शायद इस मामले का सूत्रधार हो" रचित ने बोला
"तो सर पकड़ के ले आए"विशाल बोला
"तुम्हें पकड़ने की बहुत जल्दी हैं,अमन तुम ऐसा करो इस सुन्दर के पीछे लग जाओ ,शायद कुछ हाथ लगे"रचित अमन से बोला
"ओके सर" अमन बोला
"अब तुम जाओ ,और कुछ भी पता लगे तो तुरन्त मुझे रिपोर्ट करना" रचित अमन को आदेश देते हुए बोला
तभी रचित का फोन बजने लगा रचित फोन उठाकर 
"हेलो हाँ माँ मैं बस निकल ही रहा हुँ, हाँ-हाँ मेरे साथ ही हैं ओके मैं बोलता हुँ, और कुछ ... अब तुम फोन रखोगी तभी तो बोलूंगा ,ठीक है आता हुँ" रचित ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया।
"आंटी की कॉल थी? चित्रा ने पूछा
"हाँ तुम्हें घर बुला रही हैं कह रही हैं तब से तुम एक बार भी घर नहीं आई" रचित बोला
"आज नहीं कल पक्का आऊंगी आंटी को बोल देना" 
"आज चलने में कोई परेशानी हैं क्या"
"नहीं दरअसल कल मेरा 1st बर्थडे हैं" 
"कमाल हैं ,तुम अभी एक ही साल की हुई हो फिर इतने सालों से मैं किस चित्रा को जानता था" रचित हैरानी के साथ मजाक करते हुए बोला
"अरे पहली बार वाला बर्थडे नहीं मेरा मतलब मैं साल में दो बार अपना बर्थडे मनाती हुँ" चित्रा ने बताया
"अच्छा वो क्यों" रचित अपने हाथों को गाल पर रखते हुए बोला
"वो इसलिए कि पहला बर्थडे तो तब मनाती हुँ जब निशा से मिली थी और दूसरा बर्थडे मॉम-डैड मनाते हैं जब वो मुझे तुम्हारें घर से ले गए थे" चित्रा ने पूरी बात बताई
"लो एक हम हैं जिन्हें एक बर्थडे की भी खबर नही, चलो कल तुम्हारा पहला बर्थडे हम भी मनाएंगे । निशा,दीपक और सुमन को भी ले आना घर इसी बहाने सब मिल भी लेंगे काफी लम्बा टाइम हो गया। " रचित बोला
"ओके चलो अब चले वरना आंटी तुम्हारें कान लम्बे कर देगी" चित्रा बोली
दोनों पुलिस स्टेशन से बाहर आए ।रचित अपनी बाइक पर बैठते हुए "चलो पहले तुम्हें छोड़ दूँ"
रचित ने चित्रा को निशा के घर पर ड्रॉप किया और खुद साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन की तरफ चल दिया
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निशा अब तक नहीं आई थी ।  चित्रा फ्रेश होने बाथरूम में चली गई। चित्र को ध्यान आया सुबह जब शैंपू की शीशी ढूंढ रही थी तो उस अलमारी में उसे एक छोटा दरवाजा सा कुछ दिखा था जैसे उसके अंदर कोई  दूसरी अलमारी हो चित्रा उस अलमारी की तरफ गई और उसे खोल कर उस ने फिर से झांका। उसे वो छोटा सा दरवाजा फिर से दिखाई दिया अब कि उसने उस दरवाजे को खोलने की सोची और शैंपू की छोटी शीशियों को एक साइड हटा दिया। उसने कुंडी सरकाई और छोटी सी अलमारी का दरवाजा खोल दिया। उस अलमारी में पुरानी रद्दी भरी पड़ी थी। चित्रा ने उस रद्दी के ढेर में से कुछ रद्दी को बाहर  निकाल कर देखा ।  वह कुछ पुरानी मैगजीन थी। चित्रा हैरान थी कि निशा ने इन मैगजीन को यहां क्यों छुपाया हुआ हैं। चित्रा  मैगजीन के पन्ने पलट कर देखने लगी।  मैगजीन को देखकर उसे थोड़ा अजीब लगा।  क्योंकि उस मैगजीन में चित्र वाली जगह बिल्कुल खाली थी,चित्रा उसके पन्ने फटाफट पलटने लगी। चित्रा मन ही मन सोचने लगी यह कैसी अजीब सी मैगजीन है जिसमें  बहुत कम चित्र थे। चित्रा ने और 2-4 मैगजीन उठाई और पन्ने पलटकर देखा लगभग सभी मैगजीन में जगह-जगह से चित्र की जगह एकदम खाली थी। चित्रा ने और भी कई मैगजीन देखी लगभग सब इसी तरह की मैगजीन थी। चित्रा अभी मैगजीन को देखकर हैरान सी हाथ में लिए बैठी थी कि तभी उसे कमरे के गेट के खुलने की आवाज आई, उसने फटाफट सारी मैगजीन उठाई और वापस उसी अलमारी में उसी तरीके से रख दी और फटाफट नल खोल दिया ताकि निशा को लगे कि वह नहा रही हैं। निशा ने बाथरूम का दरवाजा खटखटाया और कहा चित्रा जल्दी करो  कितना टाइम लगाती हो तुम। चित्रा बाथरूम से चिल्लाई
"  अभी आती हूं बस दो मिनट"
और चित्रा सर पर टावल लपेटे बाहर आ गई। चित्रा के बाहर आते हैं निशा बाथरूम में घुस गई इधर चित्र अब भी हैरान थी। निशा बाथरूम से बाहर आई उसने देखा चित्रा खोई खोई सी है।
" हे क्या हुआ रचित का कोई नया केस है क्या जिसने मेरी सहेली का दिमाग इतना उलझा रखा है"
" हां रचित के केस ने ही दिमाग उलझा रखा है" चित्रा एकदम से बोली
" तुम वकील और पुलिस बस लगे रहो दिन-रात केस में, लेकिन केस के चक्कर में तुम कल का दिन तो नहीं भूल गई ना" निशा ने कहा
" कल का दिन कैसे भूल सकती हुँ भला" चित्रा अपने चेहरे पर एक हल्की मुस्कान लाते हुए बोली
" यही तो वो दिन था जब मुझे तुम जैसी पक्की सहेली  मिली थी" निशा चित्रा के गले में बाँहे डालते हुए बोली
"नहीं ये वो दिन था जब मुझे जीवन मिला था" चित्रा बोली
"बात तो एक ही है न, तुम्हारा आना और मेरी दोस्त बनना" निशा बोली
दोनों बीते दिनों की यादों में खो गई। बात करते करते कब रात के खाने का वक्त हो गया उन्हें पता ही नही चला। दोनों बीते वक्त की बातें कर ही रही थी कि तभी कमरे में शकुंतला आई
" निशा दीदी खाना तैयार है सभी लोग आ गए हैं आप भी आ जाइए" शकुंतला ने उन दोनों से कहा
" इसे मैंने कितनी बार कहा है मुझे दीदी न बुलाया करें पर यह है कि सुनती ही नहीं" निशा शकुंतला की ओर देखकर चित्रा से बोली
" चल छोड़ न आदत है उन्हें, मुझे भी तो दीदी ही बुलाती है और मैं भी उसे दीदी बोलती हुँ बस बात खत्म" चित्रा निशा को समझाते हुए बोली
"तु कहती है तो ठीक हैं, चल अब खाना खा लेते हैं वरना खाना ठंडा हो जाएगा" निशा उठते हुए बोली
सब खाना खाने लगे निशा से दीपक और सुमन बहुत कम बोलते थे निशा भी उन लोगों से कम ही बोलती थी एक चाचा थे जो निशा से थोड़ी बहुत बात कर लिया करते थे। चित्र आई हुई थी तो आजकल सभी हंस बोल रहे थे। बातें करते- करते अचानक चित्रा को याद आया कि वो रचित की कही हुई बात बोलना तो भूल ही गई है।
" अरे मैं तो भूल ही गई कल रचित में दीपक सुमन और निशा तुझे भी इनवाइट किया है" चित्रा खाते-खाते बोली
" उसके घर पर क्या है, शादी-वादी फिक्स हो गई क्या उसकी" निशा एक निवाला मुंह में डालते हुए बोली
"  मेरा बर्थडे और क्या"  चित्रा खाते हुए बोली
"ओह तेरा बर्थडे, क्या बात है रचित क्यों तेरा बर्थडे मना रहा है" निशा थोड़ा छेड़ते हुए बोली
" अरे आंटी बुला रही थी ना तो बस इसलिए उसने सबको इनवाइट कर लिया सब से मिलने का मन है उसका" चित्रा खाना फिनिश करते हुए बोली
"हां भैया कब से हम लोग रचित भाई से नहीं मिले प्लीज कल चलते हैं" सुमन एक्साइटेड होते हुए बोली
"ओके चलते हैं मैं भी कब से रचित से मिला नहीं बातें नहीं हुई"दीपक सहमति में बोला
"मैं पक्का तो नहीं कह सकती पर मैं कोशिश करूँगी"निशा बोली
"कोशिश से तेरा क्या मतलब तुझे आना हैं बस"चित्रा बोली
"ओके बाबा आऊंगी,चलो थोड़ी देर छत पर बैठते है चांदनी रात हैं मजा आयेगा" निशा ने प्लेट सरकाते हुए कहा
"बिल्कुल ठीक कहा देर तक बातें करेंगे और फिर चित्रा दी का बर्थडे से सेलिब्रेट भी कर लेंगे" सुमन बोली
"हाँ ये बिल्कुल ठीक कहा तुमने " दीपक बोला
"चाचाजी आप भी चलिए"निशा ने अपने चाचा से कहा
"नहीं बेटा तुम लोग जाओ" चाचा बोले
दीपक,सुमन,चित्रा,निशा और शकुन्तला सब छत पर बैठे अंताक्षरी खेलने लगे । फिर जब अंताक्षरी से बोर हो गए तो बातें करने लगे चित्रा सुमन के फोन में फोटो देखने लगी कल रात की पार्टी वाली फोटो में सुमन को उस ड्रेस में देख कर चित्रा चौंक गई उसने सुमन से पूछा ये ड्रेस उसने कहाँ से ली तो सुमन उसके कान में फुसफुसा कर बोली 
"मेरे बॉयफ्रेंड सुन्दर ने गिफ्ट की थी"
चित्रा ने सिर हिला दिया और साथ ही मन में सोचने लगी ""सुन्दर ने ही शिखा को लास्ट कॉल की थी और अब सुन्दर नाम का कोई सुमन का बॉयफ्रेंड भी हैं और उसने सुमन को लापता ड्रेस भी गिफ्ट की हैं ,इस सुन्दर का तो बहुत तगड़ा हाथ लगता हैं इस पूरे मामले में
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उधर रचित साउथ एक्सटेंशन मेट्रो स्टेशन की सारी सी.सी. टी. वी फुटेज देख चुका था शिखा अरोड़ा लेडीज़ टॉइलेट में गई ये तो फुटेज में था पर बाहर आते वक्त की फुटेज नहीं थी। उसने सी.सी.टी. वी. फुटेज को कई बार देखा लेकिन शिखा अरोड़ा उसे बाहर आती नहीं दिखी। फुटेज में उसने एक और शख्श को देखा जो दूर से टॉइलेट की तरह ही देख रहा था फिर थोड़ी देर बाद वहाँ से चला गया और वो शख्श था दीपक।
रचित समझ नहीं पा रहा था दीपक वहाँ क्यों खड़ा था और टॉइलेट की तरफ किसको तलाश कर रहा था अगर अपने किसी दोस्त के साथ या गर्लफ्रेंड के साथ आया होता तो फुटेज में जरूर नजर आता पर वो अकेला ही था।
रचित ने वहाँ से रिकॉडिंग की कॉपी ली और घर आ गया।

🙏🙏प्लीज कमेन्ट कर के बताए कि कहानी आपको कैसी लगी आप लोगों के कमेन्ट ,रेटिंग मेरे लिए बहुत महत्व रखते हैं
पढ़ने के लिए धन्यवाद🙏🙏
आगे की कहानी अगले भाग में 


रेखा रानी शर्मा

रेखा रानी शर्मा

बहुत सुन्दर 👌 👌 👌

24 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

बहुत सुंदर

17 दिसम्बर 2021

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रहस्य तस्वीर का
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आज इस कहानी का अंतिम भाग हैं।अगर आप "रहस्य तस्वीर का" आज पहली बार पढ़ रहे हैं तो मेरी आपसे गुजारिश है

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