नई दिल्लीःभाजपा में राजनाथ सिंह ऐसे नेता हैं जिनके दूसरे दलों के नेताओं के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं। जब-तब मदद के जरिए दोनों पक्ष इस रिश्ते को भुनाते भी रहे हैं। मुलायम सिंह के साथ राजनाथ के अच्छे रिश्ते जगजाहिर हैं, मगर अब यह रिश्ता अखिलेश के साथ भी प्रगढ़ हुआ है। अखिलेश ने जिस तरह से नोएडा में प्रचार न करने के संकेत दिए हैं, उससे इस बात को बल भी मिल रहा है। कहने वाले तो यहां तक कह रहे हैं कि राजनाथ सिंह और अखिलेश के बीच डील हुई है, तय हुआ है कि बहुत पापड़ बेलने के बाद पंकज को टिकट मिला है तो उन्हें जिताकर ही दम लिया जाए।
अखिलेश पर क्या है राजनाथ का एहसान
समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ नेता इंडिया संवाद से कहते हैं कि कन्नौज से चुनाव लड़ने के दौरान राजनाथ सिंह ने अंदरखाने काफी मदद की थी। अखिलेश और मुलायम ने उनसे चुनावी रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया था। राजनाथ के फार्मूले से डिंपल को जीत नसीब हुई थी। यही वजह है कि अखिलेश राजनाथ के इस अहसान को चुकाने के लिए नोएडा जाकर प्रचार न करने का फैसला किए हैं।
पार्टी कर रही टोटके का प्रचार
हालांकि अखिलेश के फैसले के पीछे एक टोटके को भी कारण बताया जा रहा। दरअसल यूपी में अंधविश्वास प्रचलित है कि जो भी मुख्यमंत्री रहते नोएडा गया तो उसकी आगे कुर्सी चली गई। साढ़े चार साल के कार्यकाल में अखिलेश भी नोएडा जाने से बचते रहे हैं। यही वजह कि अखिलेश ने नोएडा में प्रचार करने से हाथ खींच लिए हैं।