... फ्रांसीसी अधिकारियों ने पहले इस पर सहमति नहीं जताई थी, लेकिन पिछले साल अगस्त में मोदी की ओलांद से फोन पर बातचीत के बाद इस अवरोध को भी समाप्त कर लिया गया है. जाहिर तौर पर, इससे छोटी भारतीय कंपनियों को करीब 22 हजार करोड़ का बिजनेस मिलेगा और इनके जरिये भारतीयों के लिए रोजगार के हजारों अवसर भी सृजित होंगे. प्रस्तावित हालिया सौदे में डासॉल्ट एविएशन के अलावा अन्य फ्रांसीसी कंपनियां ऑफसेट दायित्व के तहत कई एयरोनॉटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक भी भारत को मुहैया कराएंगी. हालाँकि फ्रांस भारत को सिर्फ 36 राफेल विमान ही दे रहा है, जबकि भारत की जरुरत कहीं ज्यादा विमानों की है, फिर भी दक्षिण एशिया में भारत के दबदबे के दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम तो है ही. 60 हज़ार करोड़ के इस भारी भरकम सौदे से भारतीय वायुसेना को तो निश्चित ही कुछ हद तक मजबूती मिलेगी, किन्तु क्या वाकई इतना पर्याप्त है, इस बात पर विशेषज्ञ थोड़े चिंतित हो जाते हैं. वस्तुतः भारत की सैन्य जरूरतें, इस हद तक बढ़ चुकी हैं कि सिर्फ हथियारों और विमानों के आयात से हम उन जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं. इसके लिए ...
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