नई दिल्ली : भारत देश के सबसे पैसे वाले उद्योगपति मुकेश अंबानी जिस अकर्मक रणनीति के साथ टेलीकॉम उद्योग में जियो को आगे बड़ा रहे हैं. उससे सारा बजार घाटे से लथपथ नजर आ रहा हैं. 22.50 करोड़ रुपए घाटे के बाबजूद मुकेश ने जीओ को और भी बड़ा ब्रांड बनाने के लिए नए सिरे से तैयारी शरु कर दी है. मुकेश की इस रणनीति से भारत का टेलीकॉम बाजार घायल दिख रहा हैं. एयरटेल से लेकर वोड़ाफोन की आर्थिक स्थिति गंभीर होती जा रही हैं.
Crisil की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की 3 बड़ी कंपनीयों में 2 बेहद चिंता जनक स्थित में पहुच चुकी है. प्राइस - वार को लेकर मुकेश अंबानी ने जिस तरह 1.5 ट्रलीयन के बाजार में उथल पुथल मचा दिए, उससे ग्राहक तो बहुत खुश हैं लेकिन कंपनियां ख़ून की आंसू रो रही हैं.
पिछले सिंतबर में जब जियो ने 6 महीने तक निःशुल्क डाटा सर्विस ग्राहकों को दी. तो एयरटेल और वोडाफोन के चारो खाने चित कर दिए. जियो से प्रतिस्पर्धा करने के लिए वोडाफोन और एयरटेल ने भी 4G डाटा के दाम 60 % नीचे गीर गए . अंबानी की इस रणनीति से देश की टेलीकॅाम कंपनीयों को भारी घाटा हुआ, लेकिन ग्राहकों को बांधने के चक्कर में सभई को न चाहते हुए भी अपने दाम घटाने पड़े . ऐसा कहा जा रहा हैं कि मुकेश को टक्कर देने के लिए वोडाफोन और आईडिया सेलुलर मर्ज करने जा रहे हैं और इन दोनों के एक होने से कंपनी का घाटा कुछ हद तक कम हो पाएगा.