लखनऊ : केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यूपी में दूसरे चरण के मतदान में 65 फीसदी से अधिक हुए मतदान इस बात का संकेत दे रहे हैं कि बढ़े हुए मतदान का प्रतिशत बीजेपी के खाते में जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो विरोधी दल बीजेपी को पीछे बता रहे हैं. उनकी 11 मार्च के बाद बोलती बंद हो जाएगी. उन्होंने सपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अखिलेश यादव रोजाना अपनी सभा में जनता से यह बात कह रहे हैं कि काम बोलता है. उन्होंने कहा कि उनके मंत्री चुनाव के नामांकन करने से पहले पत्रकार को धमकी दे रहे हैं कि चुनाव के बाद सत्ता में ए तो देख लेंगे. फिर भी काम बोलता है.
सपा सरकार पर साधा रविशंकर ने निशाना
रविशंकर गुरुवार को लखनऊ में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सपा सरकार में ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था के बाद भी यूपी में सपा सरकार का काम बोलता है. उन्होंने कहा कि सपा सरकार के जिस विधायक ने एक लड़की को अपनी हवस का शिकार बनाया उसी सुल्तानपुर सीट से उसके समर्थन में अखिलेश ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत की. यही नहीं दो दिन पहले उस लड़की की हत्या हो गयी और उसका पिता जब रिपोर्ट लिखाने थाने पहुंचा तो पुलिस ने उसकी रिपोर्ट ही नहीं दर्ज की. क्या यही काम बोलता है.
कांग्रेस पर केंद्रीय मंत्री ने बोला हमला
केंद्रीय मंत्री कांग्रेस पर भी निशाना साधने से नहीं चूके. उन्होंने कहा कि यूपी में अपनी लाज बचने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने सपा के साथ गठबंधन किया. लेकिन अखिलेश यह बात समझ नहीं पाए. उन्होंने कहा कि अखिलेश अभी इतने परिपक्य राजनीति में नहीं हैं. इसीलिए यूपी में अब तक दो चरणों के हुए चुनाव में दोनों नेताओं ने दो से अधिक रैली एक साथ नहीं की. जबकि प्रदेश की जनता को ये संदेश दिया जा रहा है कि यूपी को ये साथ पसंद हैं,
कांग्रेस को अपनों का ही साथ नहीं पसंद
फिलहाल केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अखिलेश को क्या मालूम था की राहुल जहाँ जाते हैं कांग्रेस की लुटिया डुबा देते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर आक्रमक स्ट्रोक लगते हुए कहा कि कांग्रेस में गाँधी परिवार अपने आगे किसी को पनपने नहीं देता है. उन्होंने पीएम लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह और पी॰ वी॰ नरसिम्हा राव का नमूना पेश करते हुए कहा कि जब राव का देहांत हुआ तो उनके परिवार वाले उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में करना चाहते थे, लेकिन उन्हें हैदराबाद रवाना कर दिया गया. यहाँ तक कि उनके शव को कांग्रेस पार्टी कार्यालय तक में लाने की इजाजत नहीं दी गयी. उन्होंने कहा की कांग्रेस को अपनों का ही साथ नहीं पसंद है.