देहरादून: देवभूमि के दंगल में जब बीजेपी सीएम हरीश रावत ख़िलाफ़ चेहरा देने से बच रही है तभी ऐसे वक़्त पर मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ मुख्यमंत्री को मात देने के लिये पार्टी नेता हूंकार भर रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने प्रदेश नेताओं से एक कदम आगे बढ़कर हरदा को सीधे चुनावी जंग के लिये ललकार दिया है।
सीएम रावत का व्यंगय- मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं!
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने आज सीधे तौर पर कहा कि मैं सीएम के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने के लिए तैयार, सीएम हरीश रावत ने सवाल के जवाब में बोला कि कि सभी छोटे भाइयों को शुभकामनायें देता हूँ. सीएम ने व्यंग्य करते हुए कहा कि मैं तो बहुत छोटा आदमी हूं. मैं किसी को चुनौती देने की स्थिति में नहीं हूं. बल्कि हाथ जोड़ने की स्थिति में हूँ।
हरदा नरेश के ख़िलाफ़ ठोकी ताल
दरअसल अनिल बलूनी ने ऐलान किया था कि धारचूला से लेकर यमुनोत्री यानी प्रदेश की सत्तर की सत्तर सीटों में जहाँ से मुख्यमंत्री हरीश रावत चुनाव लड़ेंगे वे उनके ख़िलाफ़ लड़ेंगे। बलूनी ने पार्टी आलाकमान से हरदा के ख़िलाफ़ टिकट माँग लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रावत सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि शराब और खनन की गंगा में गोते लगाती कांग्रेस सरकार के हिस्से एक भी उपलब्धि नहीं हैं। बलूनी ने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत की एकमात्र उपलब्धि परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना। प्रदेश की जनता इससे पूरी तरह से मुक्ति चाहती है। हालांकि एक दूसरा सच यह भी है कि धारचूला से बलूनी के अलावा भी कई दावेदार है। कुछ रोज़ पहले ही कांग्रेस से बग़ावत कर बीजेपी में आये हरक सिंह रावत भी हरीश रावत के ख़िलाफ़ लड़ने की इच्छा जता चुके हैं।
सुरक्षित सीट की तलाश में जुटे दिग्गज
हालांकि बीजेपी के दिग्गज सुरक्षित सीट की तलाश में लगे हुए हैं। बलूनी का दाँव कई लोगों के लिए चिंता का विषय ज़रूर है लेकिन जानकारों का कहना है कि यह एक स्टंट के अलावा कुछ भी नहीं। ख़ासकर कुमाऊँ के कुछ दिग्गज जो हरदा से दो-दो हांथ करने की बजाय सुरक्षित सीट के लिए अब सर्वे का बहाना कर इधर उधर खिसकने में लगे हैं। वैसे बलूनी के ताज़ा दाँव से पहले किशोर उपाध्याय और फिर हरीश रावत भी बीजेपी आलाकमान के ब्लू आई बलूनी को सीएम रेस में सब पर भारी बताकर गुगली खेल चुके हैं। बलूनी के इस बयान के बाद प्रदेश पॉवर कॉरिडोर में देहरादून बीजेपी पर दिल्ली बीजेपी के एक दावेदार के बढ़ते दबदबे के रूप में बलूनी के बयान को देखा जा रहा है.