यूपी में नई सरकार के गठन के साथ ही 'ऐंटी रोमियो स्क्वॉड' का गठन किया गया जिसमें दावा है महिलाओं, खास तौर पर स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियों से छेड़खानी रोकने की दिशा में यह स्क्वॉड प्रभावशाली ढंग से काम करेगा. इस स्क्वॉज की तैनाती शैक्षिक संस्थाओं और सार्वजनिक स्थलों पर की जाएगी.
लेकिन मुझे लगता इस स्क्वॉड के गठन के साथ ही सरकार को ये भी सुनिशचित करना चाहिये कि इस 'ऐंटी रोमियो स्क्वॉड' की आड़ में युवाओं का उत्पीड़न न हो. क्योकि अगर ऐसा हुआ तो क्राइम कंट्रोल और मोरल पुलिसिंग के बीच की लकीर खत्म हो जाएगी.
इस समय देश के कई ऐसे राज्य है जहां राज्य सरकारो ने इस तरह के स्क्वॉड बनाकर शहर के अंदर तैनात कर रखें है. जहां से कई बार युवाओं के उत्पीड़न की खबरें भी आती है. लेकिन मेनस्ट्रीम मीडिया में उन खबरों को जगह नही मिल पाती.
में अपना ही एक वाक्या बताता हूं... मै ग्वालियर से हू और पिछले 6 साल से दिल्ली में रहता हू मै अक्सर साल में एक से दो बार ग्वालियर जाता रहता हूं.
ऐसे ही एक बार घर गया तब किसी काम के चलते बाजार जाना था ऑटो स्टैड घर से थोड़ी दूरी पर ही कमलाराजा गर्ल्स (KRG) कॉलेज के बाहर था जहा से ऑटो पकड़ना था. में ठीक वही जाकर रुका. चूंकि शहर काफी दिन बाद गया था मुझे नही पता था शहर के नये पुलिस अधिक्षक आने के बाद आदेश दिया गया है. कि कॉलेज के बाहर लड़कियों से छेड़खानी की घटना को रोकने की दिशा नये कप्तान साहब ने कुछ कदम उठायें है. जिसके तहत न तो टेम्पो कॉलेज के बाहर रूकेगा और न ही किसी लड़के को बाहर खड़े होने की इज़ाजत है.
पास में ही पुलिस की गाड़ी खड़ी हुई थी जिसमें दो से तीन महिला कॉन्स्टेबल के साथ दो पुरूष कॉन्स्टेबल थे. वो आते ही मुझसे पूछते है... यहा क्यो खड़ा है....? मैने जबाव दिया ऑटो का इंतजार रहा हूं... उसने कहा जल्दी निकल ले यहां से नही तो अभी थाने ले जाकर बंद कर दूंगा... में कुछ समझ पाता इससे पहले में वहा से निकलकर आगे बढ़ गया. बाद में जब घर पहुचा तो मैने घर पर पूछा कि कॉलेज के बाहर से अब ऑटो नही मिलते क्या तब मुझे पूरे मामले की जानकारी हुई अखिर मामला है क्या....
कहने की बात सिर्फ ये है कि इस तरह के स्क्वॉडों के गठन के साथ राज्य के पुलिस अधिक्षकों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिये कि किसी भी तरह के आम इंसान को, या शहर के बाहर से आने वाले किसी व्यकि्त को जिसको इसकी जानकारी न हो उसके साथ पुलिस संयमित तरीके से पूछताछ करें और बिना पूरी जांच पड़ताल किये उसके साथ सार्वजनिक जगह पर उसको प्रताड़ित न किया जाए.