एक बार सागर के अंदर काफी तेज तूफान आया और सागर की बहुत सारी मछलियां बाहर रेत पर निकल कर तड़प रही थी ।एक बच्चा यह देख तेजी सें दौड़ा और एक एक मछली को अंदर वापस फेंकने लगा । उसकी मां यह करते देख उसे बोली
.... बेटा ऐसा करने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ने वाला है मछलियां बहुत सारी हैं।
उसके बाद उस छोटे से लड़के ने जवाब दिया
...मां माना की हमको इससे फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन इनको बहुत फर्क पड़ेगा । कम से कम मैं एक एक करके इनको जितनी बचा सकता हूं उतनी तो बचालूं ।उस छोटे बच्चे की हिम्मत को देखकर उसकी मां भी उसके इस काम के अंदर मदद करने लगी । और दोनों ने मिलकर बहुत सारी मछलियों को वापस नदी के अंदर फेंक दिया । नदी के अंदर जाते ही मछलियों मे जान सी आ गयी
शिक्षा
सच ही है छोटें से प्रयास से मिसाल कायम होती है। ईंट से ईंट जुड़कर ईमारत का निर्माण होताहै। और छोटा सा प्रयास भी दुनिया को बदल सकता है।