लखनऊ: रायबरेली रोड स्थित ट्रॉमा टू को संजय गांधी पीजीआई अगले सप्ताह से केजीएमयू के सहयोग से ही चलायेगा। हालांकि अभी इसके संचालन एसजीपीजीआई के पास पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध न होने की दशा में अभी ट्रामा 2 को अकेले चलाने में असमर्थ है।इस कारण उसे किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का सहयोग लेना पड़ेगा। मौजूदा स्थिति में मरीजों को कोई दिक्कत ना आये और ट्रामा की सेवाएं रोगियों को यथावत मिलती रहें, इस प्रयास में दोनों संस्थानों ने सहयोग करने की सहमति जताई है।
यह निर्णय गुरुवार को केजीएमयू प्रशासन के साथ पीजीआई के सीएमएस के साथ हुई बैठक में लिया गया है। एसजीपीजीआई प्रशासन के अनुसार केजीएमयू का ट्रॉमा टू , पीजीआई अपने हाथों में लेगा,परन्तु अभी शासन से इसका लिखित आदेश नहीं आया है। शासन द्वारा लिखित आदेश आते ही हैंडओवर हो जायेगा। उम्मीद है कि इसमें 7 से 10 दिन का समय लगेंगा।
जबतक एसजीपीजीआई के पास संबन्धित विभागों के रेजीडेंट्स व स्टाफ नही हैं, तबतक केजीएमयू के रेजीडेंट्स व स्टाफ सेवाएं जारी रखेंगे। ट्रॉमा में मिल रही मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं यथावत जारी रहेंगी, केजीएमयू प्रशासन ने सहयोग करने की सहमति दे दी है।
पीजीआई की इमरजेंसी के विस्तारीकरण का प्रस्ताव शासन के विचाराधीन है।विस्तारीकरण का आदेश आते ही मशीनों की खरीद-फरोख्त और नये विभागों में नियुक्ति आदि की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि ट्रॉमा टू में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग का विस्तारीकरण होगा। अभी तक पीजीआई के पास इमरजेंसी में केवल 30 बेड हैं, ट्रॉमा टू मिलने से बेड बढ़ जायेंगे तथा अधिक से अधिक मरीजों को इमरजेंसी में सेवाएं दे सकेंगे। इसके अलावा सर्जरी व ऑर्थो के मरीजों को चिकित्सकीय सेवाएं यथावत जारी रहेंगी। ऑर्थोपैडिक सेवाओं के लिए केजीएमयू द्वारा नियुक्त किये गये 5 रेजिडेंट्स चिकित्सक नई नियुक्ति होने तक ट्रॉमा टू में सेवाएं देते रहेंगे
बिजली कटौती आदि समस्याओं के संबन्ध में बताया गया कि तकनीकी कारणों से एसी बंद है, जिसे ठीक कराकर तुरन्त शुरू करने के निर्देश दिये जा चुके हैं।