नई दिल्ली: जिसने भी इस घटना को सुना उसकी आंखे नम हो गई। 11 साल के गवाई से पिता के हत्यारों को सजा हुई। हत्यारे और कोई नहीं बल्कि बच्चे की मां और उसका प्रेमी था। बच्चे ने कोर्ट में गवाही दी कि पिता की हत्या उसकी मां और उसके साथ अक्सर देखे जाने वाले एक अंकल ने की। झज्जर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरवीर सिंह ने पति की हत्या कराने वाली पत्नी को फांसी और उसके प्रेमी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
हरियाणा के झज्जर में अप्रैल 2013 को गुभाणा निवासी सुरेश की लाश सड़क किनारे मिली थी। लाश पर फरसे से वार किए गए थे। पुलिस जांच में सुरेश के बेटे गौरव (घटना के समय 11 साल उम्र) ने बताया कि 2012 में दिवाली से दो दिन पहले मां को एक अंकल के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा था।
यह बात उसने पिता को बताई तो कलह होने लगी। घटना के दिन सुरेंद्र ने सुरेश को मनमुटाव दूर करने को बुलाया और शराब पिलाई। जब सुरेश पर नशा चढ़ गया तो सुरेंद्र ने उसे फरसे से काट दिया। पुष्पा को सूचना दी- काम हो गया। अब 3 साल बाद दोनों को सजा सुनाई गई है।
सजा के आधार ये तथ्य
1. 11 साल के बेटे की गवाही नजरअंदाज नहीं की जा सकती, जिसने घर में कलह देखी और पिता को खोया।
2. पुष्पा और सुरेंद्र के अवैध संबंध समाज पर सवालिया निशान थे। पुष्पा को सुरेंद्र के साथ रहना ही था तो तलाक लेना चाहिए था कि कानून हाथ में लेना चाहिए था।
3. अगर दोषियों को सख्त सजा नहीं मिलती तो समाज में गलत संदेश जाता और अवैध संबंधों से परिवार टूटने के मामले बढ़ते।