नई दिल्ली: 16 साल तक अफस्फा और सेना के अत्याचारों के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैंठीं इरोम शर्मिला ने जैसे ही भूख हड़ताल खत्म कर चुनाव लड़ने का फैसला किया तो हर राजनीति पार्टी की पैरों तले ज़मीन खिसक गई. मणिपुर की मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला की पार्टी पीपुल्स रिसर्जेंस एंड जस्टिस एलायंस (पीआरजेए) अब ऑनलाइन वेबसाइट के ज़रिये चंदा जमा कर रही है. इतना ही नहीं वह लोगों तक पहुंचने के लिए लगातार साइकिल पर प्रचार कर रही है.
ऑनलाइन फंड जुटाने वाला राज्य का पहला क्षेत्रीय दल
पीआरजेए मणिपुर का पहला क्षेत्रीय दल है जो राज्य में चुनाव में होने वाले खर्चे के लिए वेबसाइट के जरिए से धन जुटा रहा है. पीआरजेए सूत्रों के अनुसार ‘टेन फोर ए चेंज’ नारे के साथ ऑनलाइन वेबसाइट के जरिये चंदे के लिए धन जमा करना ज्यादा से ज्यादा लोगों को शामिल करना, चुनाव फंडिंग में पारदर्शिता लाना और लोगों तक पहुंचने का एक विचार है.
साढ़े चार लाख हुये जमा
इसके ज़रिये पीआरजेए ने अभी तक साढ़े चार लाख रुपये जमा किये हैं. पीआरजेए के संयोजक एरिंड्रो लेइचोनबाम ने कहा, ‘‘ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से चंदे के लिए धन जमा करना जवाबदेह शासन के लिए पार्टी का आह्वान है. जब हमने पार्टी शुरु की तो फंड की काफी जररत थी. ऑनलाइन फंड पारदर्शी होती है और आमतौर पर राजनीतिक पार्टियों इससे परेशानी होती है क्योंकि वह पारदर्शिता नहीं बरतती.’’ इरोम शर्मिला ने इस बारे में कहा कि, ‘‘ऑनलाइन धन जुटाने का एक मकसद चुनावों में धन और बल को ख़त्म करना भी है. हमारा उद्देश्य बेहतर मणिपुर के लिए व्यवस्था में बदलाव लाना है.’’
इरोम शर्मिला की शख़्सियत
1. आयरन लेडी इरोम शर्मिला का जन्म 14 मार्च 1972 में हुआ था.
2. इरोम शर्मिला मणिपुर से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट 1958, जिसे सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर 2 नवंबर 2000 से लगातार 16 तक भूख हड़ताल पर रहीं. इस भूख हड़ताल के तीसरे दिन सरकार ने इरोम शर्मिला को गिरफ़्तार कर लिया. उन्होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं. कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा ने भावुकता में उठाया था. लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई. आज वह 45 साल की हो चुकी हैं.
3. इरोम शर्मिला ने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मार दिए जाने के ख़िलाफ़ यह शुरू किया था. इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर ही भोजन दिया गया.
4. उनके नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं. पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है.
5. इरोम शर्मिला ने 1000 शब्दों में एक लंबी ‘बर्थ’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी. यह कविता ‘आइरन इरोम टू जर्नी- व्हेयर द एबनार्मल इज नार्मल’ नामक एक किताब में छपी थी. इस कविता में उन्होंने अपने लंबे संघर्ष के बारे में बताया है.
6. 2014 में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का ख़िताब दिया था.