पटना: बिहार के भागलपुर जिले में स्थित तिलकामांझी भागलपुर विश्वविधायल में पिछले 14 सालों से छात्र संघ का चुनाव नहीं हुआ है, पर हर साल चुनाव का सिगुफा छोड़कर छात्रों से चुनाव खर्च के नाम पर पैसे वसूले जा रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक पिछले 14 सालों में विश्वविधायल छात्रों से दो करोड़ रूपय से ज्यादा वसूल चुका है. दाखिले के वक्त छात्रों से फीस वसूलने के बाद ना तो छात्रों को छात्र संघ के बारे में पता चलता है और ना ही किसी तरह के चुनाव के बारे में.
जारी है पैसों की वसूली
आपको बता दें कि विश्वविधालय के अंडर 29 कॉलेज आते हैं. हर साल स्नातक में एडमिशन लेने वालों का आंकड़ा हर कॉलेज में लगभग दो हजार के आस पास का होता है. दाखिले के वक्त चुनाव खर्च के नाम पर हर कॉलेज छात्रों से करीब 40 हजार रूपय वसूलता है. लेकिन ना तो पिछले 14 सालों से चुनाव हुआ है और ना ही चुनाव के नाम पर फीस की वसूली रुकी है.
14 सालों से पेंडिंग है मामला
साल 2002 में तत्कालिन कुलपति प्रो. रामाश्रय यादव ने दो सालों तक लगातार छात्र संघ का चुनाव कराया. लेकिन उनके जाने के बाद चुनाव बंद हो गए. उसके बाद 13 कुलपति आए और गएं. लेकिन चुनाव कराने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाया.
दोबारा राजभवन भेजा है प्रस्ताव
मौजूदा कुलपति रामाशंकर दुबे ने फिर से छात्र संघ चुनाव का प्रस्ताव राजभवन भेजा है. हलांकि ये प्रस्ताव दिसंबर 2015 में ही भेजा गया था लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर दोबारा से रिमाइंडर भेजा गया है.