नई दिल्लीः सूचना एवं प्रसारण महकमे के मंत्री ही जब लोगों को गलत सूचनाएं देने लगें तो स्थिति हास्यास्पद ही नहीं गंभीर भी हो उठती है। अब केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को ही लीजिए। मेरठ में तिरंगा यात्रा के दौरान उन्होंने 1970 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध होने की रट लगा दी। किसी भाजपाई ने उस वक्त उन्हें टोकना भी गवारा नहीं समझा कि, मंत्री जी आप..युद्ध एक साल पहले क्यों बता रहे, युद्ध तो 1971 में हुआ था।
एक बार सही बोले, फिर कई बार फिसली जुबान
दरअसल राज्यवर्धन सिंह राठौर सेना में अपने परिवार के योगदान पर रोशनी डाल रहे थे। बोले कि उनके पिता भी सेना में थे, उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 1971 की लड़ाई लड़ी थी। लिहाजा वह सेना और सैनिकों के हौसले से वाकिफ़ हैं। मगर, इसके बाद जब भी राठौर ने भारत-पाक युद्ध का हवाला दिया तो उसका वर्ष 1970 बोलते गए। बता दें कि तीन दिसंबर 1971 को यह युद्ध शुरू होकर 16 दिसंबर 1971 तक चला। इसी युद्ध में पाक से अलग होकर बंग्लादेश बना।
सेना में अफसर होने पर भी यह हाल
खास बात है कि राठौर सेना में कर्नल भी रहे। करीब 23 साल उन्होंने फौज में बिताए। इसके बावजूद उन्होंने भारत-पाक युद्ध के वर्ष के बार में बात करते कई बार भूल की। वे वीआरएस लेकर भाजपा के बैनर तले राजनीति के मैदान में उतरे हैं। राठौर देश की चर्चित हस्ती भी हैं। देश को ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में पहला रजत पदक दिलाने का श्रेय है। इस वजह से उन्हें पद्मश्री पुरस्कार भी मिल चुका है।