नई दिल्ली : बीएसपी सुप्रीमो मायावती इस बार बहराइच की बलहा सीट पर एक ऐसा प्रयोग करने जा रही है जिसमे एक दलित-मुस्लिम लव स्टोरी उसे चुनाव जिता सकती है। यह प्रेम कहानी आज से 24 साल पहले दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस से शुरू हुई थी।
बलहा सीट पर बसपा ने किरण भारती को टिकट दिया है और उन्हें दलित और मुस्लिमों का समर्थन मिलता दिखाई दे रहा है। भारती इस सीट पर बीजेपी और समाजवादी पार्टी को कड़ी टक्कर दे रही है। किरण भारती ने मोहम्मद शौकत खान से प्रेम विवाह किया था।
बलहा विधानसभा क्षेत्र नेपाल की सीमा से लगता है और यह धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। बलहा में 3.5 लाख मतदाताओं में से मुसलामानों की संख्या 90,000 और दलितों की संख्या 80,000 है। किरण भारती के पति शौकत खान का सम्बन्ध आजमगढ़ से है जबकि भारती गौतम बुद्ध नगर से हैं।
दोनों पहली बार तब मिले थे जब वह 1992 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में आयोजित एक अंतर-विश्वविद्यालय एथलेटिक प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए आये थे। शौकत खान उस समय दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ के सचिव थे जबकि किरण भारती भारती लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज भौतिक चिकित्सा में कोर्स कर रही थी।
1994 में परिवारों के विरोध के बावजूद दोनों ने शादी कर ली थी और अब दोनों तीन बेटे और एक बेटी के साथ लखनऊ में रहते हैं। खान ने अब चिकित्सक के रूप में भी अभ्यास छोड़ दिया है और एक पूर्णकालिक राजनीति ज्ञ है साथ ही वह एक कंस्ट्रक्शन कंपनी चलाते हैं।
शौकत खान डूसू में छात्र राजनीति का हिस्सा रहे हैं और वह विश्वविद्यालय में अंतिम मुस्लिम सचिव थे। वह कहते हैं उनकी आज भी राजनीति में दिलचस्पी है और इसी के चलते वह साल 2012 के विधानसभा चुनाव में मायावती से आजमगढ़ जिले में मुबारकपुर सीट पर टिकट मांगने चले गए थे।
इस मुलाकात के दौरान खान के साथ गए व्यक्ति ने मायावती को बताया कि उनकी पत्नी एक दलित है तब मायावती ने सोचा कि बलहा सीट के लिए उनकी पत्नी एक अच्छा विकल्प बसपा के लिए हो सकती है।
खान मुस्कुराते हुए कहते हैं कि ''पार्टी समन्वयक ने मायावती से मेरी तारीफ के लिए मेरी पत्नी का जिक्र किया था लेकिन मायावती ने मुझसे पूछा कि क्या आपको अपनी पत्नी को चुनाव लड़वाने की इच्छा है''।