shabd-logo

सामाजिक की किताबें

Social books in hindi

विभिन्न विषयों पर सामाजिक पुस्तकों को पढ़ें Shabd.in पर। हमारा यह संग्रह समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। इस संग्रह की मदद से हम पारिवारिक रिश्ते, जात-पात, अमीर-गरीब, दहेज, रंग भेद जैसे कई मुद्दों पर समाज को रौशनी दिखाने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी भौगोलिक स्थिति के वजह से हाशिये पर रहे समाज की स्थिति पर भी हम समीक्षा देते हैं। तो चलते हैं समाजिक पहलुओं पर चेतना जगाने Shabd.in के साथ।
Sava Arab Bharatiyon Ka Sapna

क्या मोदी शासन के लिटमस टेस्ट को पास कर पाएँगे? क्या उनका प्रदर्शन उनके वादों के अनुरूप है? ‘सवा अरब भारतीयों का सपना’ में उदय माहुरकर ने मोदी सरकार के तीन साल के कार्यकाल का विश्लेषण मोदी के सत्ता में आने से पहले के नीति पक्षाघात तथा भ्रष्टाचार की प

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
16 फरवरी 2023
अभी पढ़ें
300
प्रिंट बुक

 दो गज़ की दूरी

दो गज़ की दूरी' वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया का नवीन कहानी-संग्रह है।इन कहानियों की विशेषता इनकी सहजता और सरलता है। ये अपनी संवेदनात्मक संरचना में से होते-होते दृश्यों, कथनों, अतिपरिचित मनोभावों के सहारे आगे बढ़ती हैं। ममता कालिया व्यंग्य नहीं, विडम्बना

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
20 मई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

Yogi ka Ramrajya (योगी का रामराज्य)

यह योगी के जीवन पर आधारित एक ऐसा उपन्यास है जिसमें योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व और कृतित्व के प्रति आम जन-मानस की धारणा के अनरूप चित्रित किया गया है। उपन्यास में वर्णित सभी प्रमुख घटनाएँ जो कथानक और पात्रों के चरित्र को प्रभावित करती हैं, वे सत्य हैं

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
20 फरवरी 2023
अभी पढ़ें
250
प्रिंट बुक

न्यूनतम मैं

2017 में प्रकाशित गीत चतुर्वेदी का दूसरा कविता संग्रह, जिसमें 2010 से 2014 तक की 63 कविताएँ शामिल हैं। स्पंदन कृति सम्मान से सम्मानित ‘न्यूनतम मैं’ गीत की बहुचर्चित किताब है। प्रकाशन के तुरंत बाद ही ‘दैनिक जागरण बेस्टसेलिंग लिस्ट’ सहित कई अन्य फोरम्स

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 मई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

अल्मा कबूतरी

मंसाराम कज्जा है और कदमबाई कबूतरी। नाजायज़ सन्‍तान है राणा—न कबूतरा न कज्जा। दोनों के बीच भटकता त्रिशंकु—संवेदनशील और स्वप्नदर्शी किशोर। अल्मा और राणा के बीच पनपते रागात्मक संबंधों की यह कहानी सिर्फ़ इतनी ही नहीं है कि राणा कल्पनालोक में रहता है और अ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
350
प्रिंट बुक

गीतांजलि

‘गीतांजलि’ महान् रचनाकार नोबल पुरस्कार विजेता कवींद्र रवींद्रनाथ टैगोर का प्रसिद्ध महाकाव्य है। एक शताब्दी पूर्व जब इसकी रचना हुई; तब भी यह एक महाकाव्य था और एक शताब्दी के बाद भी यह महाकाव्य है तथा आनेवाली शताब्दियों में भी यह एक महाकाव्य ही रहेगा। इ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
20 मई 2022
अभी पढ़ें
125
प्रिंट बुक

Bhartiya Vivahsanstha Ka Itihas

Bhartiya Vivahsanstha Ka Itihas Read more

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
22 फरवरी 2023
अभी पढ़ें
195
प्रिंट बुक

पाजी नज़्में

ये गुलज़ार की नज़्मों का मजमूआ है जिससे हमें एक थोड़े अलग मिज़ाज के गुलज़ार को जानने का मौका मिलता है। बहैसियत गीतकार उन्होंने रूमान और ज़ुबान के जिस जादू से हमें नवाज़ा है, उससे भी अलग। ये नज़्में सीधे सवाल न करते हुए भी हमारे सामने सवाल छोड़ती हैं, ऐ

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
30 मई 2022
अभी पढ़ें
125
प्रिंट बुक

बेतवा बहती रही

एक बेतवा ! एक मीरा ! एक उर्वशी ! नही-नहीं, यह अनेक उर्वशियों, अनेक मीराओं, अनेक बेतवाओं की कहानी है। बेतवा के किनारे जंगल की तरह उगी मैली बस्तियों। भाग्य पर भरोसा रखने वाले दीन-हीन किसान। शोषण के सतत प्रवाह में डूबा समाज। एक अनोखा समाज, अनेक प्

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
150
प्रिंट बुक

Brand Modi Ka Tilism Badlav Ki Banagi

Brand Modi Ka Tilism Badlav Ki Banagi Read more

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
22 फरवरी 2023
अभी पढ़ें
325
प्रिंट बुक

चिड़िया ऐसे मरती है

आज हम एक ऐसे कठिन समय में जी रहे हैं जहाँ कोमलता, सुन्दरता और संवेदनशीलता को बचाये रखना कितना कठिन लेकिन लाजिमी है, मधु कांकरिया के नये कहानी संग्रह 'चिड़िया ऐसे मरती है' की कहानियाँ इसकी बानगी हैं। चिड़िया कोमल होती है। पशु-पक्षी, प्रकृति की सुन्दरत

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
16 जून 2022
अभी पढ़ें
299
प्रिंट बुक

Bhartiya Musalman: Mithak Aur Yathaeth

Bhartiya Musalman: Mithak Aur Yathaeth Read more

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
23 फरवरी 2023
अभी पढ़ें
200
प्रिंट बुक

झूला नट

गाँव की साधारण–सी औरत है शीलो—न बहुत सुन्दर और न बहुत सुघड़...लगभग अनपढ़—न उसने मनोविज्ञान पढ़ा है, न समाजशास्त्र जानती है। राजनीति और स्त्री–विमर्श की भाषा का भी उसे पता नहीं है। पति उसकी छाया से भागता है। मगर तिरस्कार, अपमान और उपेक्षा की यह मार न शील

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
109
प्रिंट बुक

प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ

प्रकाश मनु की लोकप्रिय कहानियाँ’ वरिष्ठ कवि-कथाकार प्रकाश मनु की सर्वाधिक चर्चित और चुनिंदा कहानियों का संग्रह है। अलग-अलग रंग और अंदाज की ये कहानियाँ अपनी अद्भुत किस्सागोई और अनौपचारिक लहजे के कारण अलग पहचान में आती हैं। ये जीवन की गहरी जद्दोजहद से

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
7 मई 2022
अभी पढ़ें
149
प्रिंट बुक

मैं हार गई

मैं हार गई इस संग्रह की कहानियाँ मानवीय अनुभूति के धरातल पर रची गई ऐसी रचनाएँ हैं जिनके पात्र वायवीय दुनिया से परे, संवेदनाओं और अनुभव की ठोस तथा प्रामाणिक भूमि पर अपने सपने रचते हैं; और ये सपने परिस्थितियों, परिवेश और अन्याय की परम्पराओं के दबाव के

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
11 मई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

 रात पश्मीने की

पुस्तक गुलज़ार की कुछ कविताओं का संकलन है। गुलज़ार के गीत, गुलज़ार के संवाद, गुलज़ार की फ़िल्में, सभी में एक गुण है- उनमें कविता का "रस" है क्योंकि मूल रूप से वह एक कवि बने रहते हैं।

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
30 मई 2022
अभी पढ़ें
295
प्रिंट बुक

ललमनियाँ तथा अन्य कहानियाँ

नब्बे के दशक में जिन रचनाकारों ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई और जिन्हें पाठकों ने भी हाथों-हाथ लिया, मैत्रेयी पुष्पा का नाम उनमें प्रमुख है! आज वे हिन्दी साहित्य-परिदृश्य की एक महत्त्वपूर्ण उपस्थिति हैं। उन्होंने हिन्दी कथा-धारा को वापस गाँव की ओर मोड़ा

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
12 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
125
प्रिंट बुक

कही ईसुरी फाग

ऋतु डॉक्टर नहीं बन पाई क्योंकि रिसर्च गाइड प्राध्यापक प्रवर पी.के. पांडेय की दृष्टि में ऋतु ने ईसुरी पर जो कुछ लिखा था, वह न शास्त्र-सम्मत था, न शोध-अनुसन्धान की ज़रूरतें पूरी करता था। वह शुद्ध बकवास था क्योंकि ‘लोक’ था। ‘लोक’ में भी कोई एक गाइड न

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
13 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
299
प्रिंट बुक

पन्द्रह पाँच पचहत्तर

‘पन्द्रह पाँच पचहत्तर' की कविताएँ पंद्रह खंडों में विभाजित हैं और हर खंड में पाँच कविताएँ हैं। गुलज़ार का यह पहला संग्रह है, जिसमें मानवीयकरण का इतना व्यापक प्रयोग किया गया है। यहाँ हर चीज बोलती है-आसमान की कनपट्टियाँ पकने लगती हैं, काल माई खुदा को न

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
30 मई 2022
अभी पढ़ें
280
प्रिंट बुक

राह के फूल

प्रस्तुत ’राह के फूल‘ श्रृंखला पाठकों के लिए एक गुलदस्ता है; यह ’टाइम्स ऑफ इंडिया‘ के स्तंभ ’स्पीकिंग ट्री‘ में धारावाहिक रूप से प्रकाशित सद्गुरु द्वारा मुखरित आलेखों का संग्रह है। वर्षों से, इन रचनाओं ने एकरसता और अशान्ति में घिसरते जन समुदाय के जीव

0 पाठक
0 लोगों ने खरीदा
0 अध्याय
15 जुलाई 2022
अभी पढ़ें
199
प्रिंट बुक

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए