नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी में चल रही घमासान अभी थमती नहीं दिखाई दे रही है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालते ही शिवपाल सिंह यादव ने अपने विरोधी खेमे के लोगों के पर कतरने शुरू कर दिए हैं. इतना ही नहीं उन्होंने रविवार की शाम को अपने बड़े भाई राम गोपाल के भांजे और विधान परिषद सदस्य अरविंद यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
सपा में पर्दे के पीछे घमासान
सूत्रों के मुताबिक सुबह ऐसा लग रहा था कि समाजवादी पार्टी में झगड़ा खत्म हो गया है और सब कुछ ठीक-ठाक हो गया है. लेकिन शाम होते होते यह बात साफ हो गई कि अभी पीछे पर्दे के पीछे घमासान जारी है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव ने अपनी तलवार चलानी शुरू कर दी है. रविवार की शाम ऐलान किया गया कि रामगोपाल यादव के भांजे और विधान परिषद सदस्य अरविंद यादव को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
अमर्यादित टिप्पणी करने में निष्कासित
पार्टी की तरफ से जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के विरोध में असम्मानजनक एवं अमर्यादित टिप्पणियां करने, पार्टी विरोधी कार्यो में लिप्त रहने तथा अनुशासनहीन आचरण के कारण समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.
अरविंद यादव पर हैं ये आरोप
पार्टी से निकाले जाने के बाद अरविंद यादव ने कैमरे पर आकर कोई बयान देने से तो मना कर दिया लेकिन इतना जरूर कहा कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं वह गलत हैं. अरविंद यादव रामगोपाल यादव की बहन गीता देवी के बेटे हैं और विधान परिषद का सदस्य बनने से पहले मैनपुरी के करहल ब्लॉक में ब्लाक प्रमुख चुने गए थे. सूत्रों के मुताबिक अरविंद यादव पर जमीनों पर कब्जे और अवैध शराब के कारोबार का भी आरोप है.