लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान सभा के हाल में संम्पन्न हुए चुनाव में मायावती की बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी की जो करारी हार हुई है उसके लिए मायावती में ईवीएम को जिम्मेदार बताया है जबकि मुलायम परिवार की चोटी बहु अपर्णा यादव व मुलायम सिंह यादव ने ईवीएम को नही अपनो पर ही पार्टी की हार का जिम्मा थोप है।
कल रविवार को अपर्णा यादव ने अपने चुनाव क्षेत्र में जनता के प्रति धन्यवाद समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया था। क्षेत्रीय जनता को संबोधित करते हुऐ अपर्णा यादव ने बताया मेरी पराजय का मुख्य कारण मेरे अपने ही खास लोग है। उन्होंने यह भी कहा कि अपनो की दी चोट के घाव बहुत गंम्भीर होते है।अपर्णा यादव ने वास्तव में सीधा निशाना यादव परिवार पर ही साधा है। अपर्णा का कहना है कि मेरा चुनाव प्रचार होता रहा पर पार्टी के बड़े नेता घर पर ही बैठे रहे। उनके अपनो ने ही उनका साथ नही दिया।उन्होंने अपनी तुलना लोहिया से करते हुए कहा कि वे पहला चुनाव हारने के बाद बड़े नेता बने और उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है।
ठीक यही स्थिति बसपा सुप्रीमो मायावती की पार्टी की हुई।पार्टी हार का ठीकरा मायावती ईवीएम पर ठोक रही है पर स्थिति इसके विपरीत है। मायावती जिसे अपना वोट बैंक समझती रही उन्होंने ही उनको अपना रहनुमा नही समझा और बड़ी तादात में बसपा का वोट बैंक भाजपा के पक्ष में चल गया। मायावती बराबर भाजपा को आरक्षण विरोधी कहती रही जबकि भाजपा के सभी शीर्ष नेता इसे गलत बताते हुये यह घोषित करते रहे कि आरक्षण की व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी।दलित समाज की मुखिया मायावती से दलित समाज इस कारण खासा नाराज़ था कि मायावती ने सिर्फ यूपी की सत्ता पाने के उद्देश्य से दलितों के टिकट काटकर मुसलमानो को दे दिये।इतना ही नही चुनाव प्रचार के दौरान मायावती केवल मुसलमानो के हित की ही बात करती रही या भाजपा को कोसती रही।
दलित समाज की मसीहा होने के बावजूद भी उन्होंने चुनाव प्रचार के समय दलित हित की बात नही की। इतना ही नही अपने उत्तराधिकारी के रूप में किसी दलित को अबतक घोषित न करना भी मायावती की पार्टी की हार का बहुत बड़ा कारण है। भाई के पास अकूत सम्पति पकड़े जाने और किसी भी दलित की आर्थिक सहायता न करने की स्थिति ने तो पार्टी की कमर ही तोड़ दी।
बहुजन समाज पार्टी के समर्थक और कार्यकर्ताओं ने मायावती से खिन्न होकर उन्हें इस लायक भी नही छोड़ा कि वे पुनः राज्य सभा सदस्य के रूप में चुनी जा सके। बहुजन समाज पार्टी का एक बहुत बड़ा वर्ग पार्टी से अलग होता दिखाई दे रहा है। सभी यह सोच रहे है कि पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल बहुजन साथी भाजपा में प्रसन्न और सम्मानित हो रहे है।
यही हाल समूची समाजवादी पार्टी को बर्बाद करने में मुलायम के पुत्रमोह को जाता है।मुलायम का संगठित परिवार इतनी जल्दी बिखर जायेगा, प्रधान मंत्री पद के दावेदार रहे मुलायम सिंह यादव ने कभी, सपने में भी नही सोचा होगा।
कुछ हो या न हो पर इस चुनाव ने उस कहावत को चरितार्थ कर दिया है कि "घर को ही आग लगा दी घर के चिराग ने।"